नई दिल्ली: अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से ही वहां महिलाओं के स्थिति में काफी परिवर्तन आया है. एक ओर जहां उन्हें पढ़ने लिखने के लिए कई तरह की कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं उन्हें अपने पहनावे को लेकर भी हिंसा झेलनी पड़ रही है. अफगानिस्तान में महिलाओं की लगातार बिगड़ती हालत को लेकर अब संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट में महिलाओं की हालत पर काफी ज्यादा चिंता व्यक्त की गई है.
महिलाओं के साथ हो रही शारीरिक हिंसा
अफगानिस्तान की मीडिया एजेंसी खामा प्रेस के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र का दावा है कि तालिबान शासन के दौरान अफगानिस्तान के जेलों में कैद महिलाओं को शारीरिक हिंसा का सामना करना पड़ रहा है. इन महिलाओं और लड़कियों को दिन में सिर्फ एक ही बार भोजन दिया जाता है. वहीं उन्हें कई यातनाएं भी दी जा रही हैं. रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र की ओर से तालिबान से आग्रह किया गया है कि वे महिलाओं के पहनावे पर लगाए गए प्रतिबंधों को तुंरत हटाए और इसको लेकर लड़कियों को हिरासत में भी न लें.
शिक्षा से वंचित है महिलाएं
रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान में ड्रेस कोड के उल्लंघन को लेकर जनवरी की शुरुआत में लड़कियों को मनमाने तरीके से हिरासत में लेना शुरू कर दिया गया था. इसमें सबसे ज्यादा लड़कियां पश्चिमी काबुल क्षेत्र से थीं. इसके अलावा पंजशीर, बल्ख, बामियान, दाइकुंडी और कुंदुज प्रांतों में भी लड़कियों को हिरासत में लिया गया था. तालिबान की ओर से लगाई गइ इन पाबंदियों के कारण अफगानिस्तान में 10 लाख से अधिक लड़कियां शिक्षा से वंचित हैं.
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