Ajmer Dargah Case: अजमेर दरगाह मामले की आज यानी 24 जनवरी को कोर्ट में सुनवाई हुई. इस बीच मुस्लिम पक्ष के वकील को जान से मारने की धमकी मिली है. यह धमकी कोर्ट के बाहर एक शख्स ने दी है.
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Ajmer Dargah Case: राजस्थान के अजमेर में मौजूद ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह इन दिनों चर्चा में है. हिंदू संगठनों का दावा है कि दरगाह के नीचे शिव मंदिर है. इस मामले को लेकर हिंदू संगठनों ने निचली अदालत का रूख किया था. कोर्ट ने ही हामी भर दी थी, इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई की तारीख मुकर्रर कर दी.
अजमेर दरगाह मामले की आज हुई सुनवाई
अजमेर दरगाह मामले की आज यानी 24 जनवरी को कोर्ट में सुनवाई हुई. इस बीच मुस्लिम पक्ष के वकील को जान से मारने की धमकी मिली है. यह धमकी कोर्ट के बाहर एक शख्स ने दी है, जिसने खुद को पत्रकार बताया. धमकी देने वाले आरोपी ने वकील से कहा कि अगर वह सुनवाई के दौरान कोर्ट में आया तो उसे गोली मार दी जाएगी.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, अजमेर दरगाह मामले की आज सुनवाई हुई है. मुस्लिम पक्ष के वकील मोइन फारूक हुसैन बेंगलुरू से अजमेर कोर्ट में पैरवी करने पहुंचे थे. बहस खत्म होने के बाद मुस्लिम पक्ष के वकील बाहर निकल रहे थे, तभी एक शख्स ने वकील को जान मारने की धमकी दी. उन्होंने कहा कि कोर्ट के बाहर एक व्यक्ति ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है, जो बेहद गंभीर बात है.
धमकी देने वाले आरोपी की तलाश शुरू
मुस्लिम पक्ष के वकील ने कोर्ट में अपनी बात भी रखी है. फिलहाल पुलिस ने धमकी देने वाले अज्ञात व्यक्ति की तलाश शुरू कर दी है. वकील फारूक ने कहा कि धमकी के मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और इस मुद्दे पर एसपी, डीएम व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से भी शिकायत की जाएगी.
पूजा स्थल अधिनियम पर बवाल
पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के तहत अयोध्या को छोड़कर देशभर में धार्मिक संरचनाओं पर 15 अगस्त 1947 की यथास्थिति बनाए रखने के लिए कानून बनाया गया है, लेकिन 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वेक की अनुमति दी, जिसमें तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने तर्क दिया कि पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 किसी पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र का पता लगाने से नहीं रोकता है.