Prayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज से आपसी भाईचारे की मिसाल सामने आई है. यहां मुस्लिम परिवार नवरात्रि के लिए चुनरी और कलावा बनाते हैं, जिसकी काफी डिमांड रहती है.
Trending Photos
Muslim Family Make Mata Chunri: भारत में अलग-अलग मजहब के लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं. आए दिन देश के विभिन्न हिस्सों से आपसी भाईचारे की तस्वीरें सामने आती रहती हैं. नवरात्रि के मौके पर यूपी के प्रयागराज से आपसी भाईचारे और गंगा जमुनी तहजीब की तस्वीर सामने आई है. प्रयागराज से तकरीब 50 किलोमीटर दूर लाल गोपालगंज कस्बे में आपसी इत्तेहाद की मिसाल नजर आई. जहां पर मुस्लिम परिवार काफी पीढ़ियों से नवरात्रि में बढ़-चढ़कर हिस्सा देते हैं. मुस्लिम परिवार अंग्रेजों के वक्त से ही नवरात्र के पावन अवसर पर माता को अर्पित होने वाली चुनरी और कलावा बड़ी ही अकीदत के साथ बनाते आ रहे हैं.
माता की चुनरी तैयार करते हैं मुस्लिम कारीगर
लालगोपालगंज कस्बे में मुस्लिम कारीगरों के हाथों से तैयार की जाने वाली खास किस्म की बनी चुनरी और कलावा काफी मशहूर हैं. इस कस्बे के मुस्लिम कारीगरों के हाथों से तैयार होने वाली देवी मां की चुनरी और कलावा की मांग न सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित है बल्कि मुल्क के कोने-कोने में इसकी खास मांग रहती है. नवरात्र का पर्व आने से पहले मुस्लिम परिवार चुनरी और कलावा बनाने के काम में मसरूफ हो जाते हैं. कारीगरों ने बताया कि पिछली कई पीढ़ियों से हमारा कुनबा इस काम से जुड़ा हुआ है.
मुस्लिम कारीगरों के लिए रोजगार का ज़रिया
मुस्लिम परिवार ने बताया कि यूं तो पूरे साल चुनरी के आर्डर मिलते हैं, लेकिन नवरात्रि के दौरान इनकी डिमांड में खासा इजाफा हो जाता है. नवरात्रि के पावन त्योहार के नजदीक आते-आते यहां पर बनने वाली चुनरी और कलावा मुल्क के देवी धामों में पहुंचना शुरू हो जाते हैं. अंग्रेजो के वक्त से देवी धाम को जाने वाली चुनरी और कलावा तैयार करने वाले मुस्लिम कारीगरों को भी अकीदत के इस महापर्व का बेसब्री से इंतजार रहता है. मां की चुनरी और कलावा तैयार करने वाले तकरीबन तीन दर्जन मोहल्ले के मुस्लिम कारीगरों के लिए यह रोजगार का बड़ा जरिया है. मुस्लिम कारीगरों के हाथों तैयार की जाने वाली चुनरी और कलावा को लोग बेहद पसंद करते हैं.
Report: Mohd Ghufran
Watch Live TV