UCC in Uttarakhand: उत्तराखंड के मुख्मंत्री पुष्कर धामी के मुताबिक उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) 27 फरवरी से लागू किया जाएगा. यह कानून पिछले साल 7 फरवरी को पारित किया गया था.
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UCC in Uttarakhand: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में 27 जनवरी को समान नागरिक संहिता (UCC) लागू की जाएगी, जिससे यह आजाद भारत में ऐसा कानून लागू करने वाला पहला राज्य बन जाएगा. धामी ने एक बयान में कहा कि UCC को लागू करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, जिसमें कानून को चलाने के लिए नियमों की मंजूरी हासिल करना और इससे जुड़े अफसरों को ट्रेनिंग देना शामिल है.
7 फरवरी को पेश पारित हुआ था कानून
CM पुष्कर धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता (UCC) समाज में एकरूपता लाएगी और सभी नागरिकों के लिए एक तरह के हक और जिम्मेदारियां तय करेगी. साल 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा सरकार ने इसे लागू करने की बात कही थी. मार्च 2022 में जैसे ही धामी ने दोबारा से सरकार बनाई, उनकी अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल ने अपनी पहली बैठक में कानून का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति बनाने की मंजूरी दी. इसके बाद 7 फरवरी 2024 को राज्य विधानसभा ने इस पर एक कानून पारित किया.
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UCC लागू करने वाला पहला राज्य
सोमवार को उत्तराखंड UCC को लागू करने वाला पहला राज्य बन जाएगा और दूसरे राज्यों के लिए एक आदर्श स्थापित करेगा. असम सहित कई भाजपा शासित राज्य पहले ही उत्तराखंड के UCC को एक मॉडल के तौर पर अपनाने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं.
क्या हैं नियम?
उत्तराखंड का समान नागरिक संहिता अधिनियम (UCC) मुस्लिमों की शादी और तलाक, उत्तराधिकार, लिव-इन संबंधों और दूसरे मामलों से संबंधित कानूनों को नियंत्रित करेगा. यह मर्दों और औरतों के लिए समान विवाह योग्य आयु, तलाक की बुनियाद और सभी मजहब में प्रक्रियाओं को निर्धारित करता है, और बहुविवाह और 'हलाला' पर प्रतिबंध लगाता है.