शहबाज शरीफ एक बार फिर बने पाकिस्तान के PM; 4 मार्च को लेंगे ऐवान-ए-सद्र में शपथ
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शहबाज शरीफ एक बार फिर बने पाकिस्तान के PM; 4 मार्च को लेंगे ऐवान-ए-सद्र में शपथ

Pakistan New Prime Minister: पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के सीनियर शहबाज शरीफ ने 2 मार्च को पीएम पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था. वहीं, शहबाज शरीफ के खिलाफ इमरान खान की पार्टी पीटीआई के लीडर उमर अयूब खान ने प्रधानमंत्री पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था. 

शहबाज शरीफ एक बार फिर बने पाकिस्तान के PM; 4 मार्च को लेंगे ऐवान-ए-सद्र में शपथ

Pakistan New Prime Minister: पूर्व पीएम शहबाज शरीफ एक बार फिस पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन गए हैं. आज यानी 3 मार्च को वोटिंग के बाद उन्हें प्रधानमंत्री चुन लिया गया है. पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के सीनियर शहबाज शरीफ ने 2 मार्च को पीएम पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था. वहीं, शहबाज शरीफ के खिलाफ इमरान खान की पार्टी पीटीआई के लीडर उमर अयूब खान ने प्रधानमंत्री पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था. 

पाकिस्तान पार्लियामेंट में आज यानी 3 मार्च को प्रधानमंत्री पद के लिए इलेक्शन के लिए मतदान शुरू हुआ. वोटिंग के दौरान शहबाज शरीफ ने अपने प्रतिद्वंद्वी पर 100 से ज्यादा की बढ़त हासिल की है. शहबाज शरीफ को 201 वोट मिले, वहीं, PTI के उम्मीदवार उमर अयूब खान को 92 वोट मिले हैं. इसके बाद शहबाज शरीफ ने नाम का ऐलान पाकिस्तान के नए पीएम के रूप में कर दी गई है. जानकारी के मुताबिक, शहबाज शरीफ 4 मार्च को 33वें पीएम पद की शपथ लेंगे.

किसी भी पार्टी को नहीं मिली थी बहुमत
दरअसल, आठ फरवरी को हुए इलेक्शन में शरीफ की अगुआई में पार्टी स्पष्ट बहुमत पाने में नाकाम रही. हालांकि, तकनीकी रूप से वह 265 में से 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. सभी को हैरत में डालते हुए नवाज शरीफ ने गठबंधन की अगुआई करने के लिए शहबाज का समर्थन किया. पीपीपी और चार छोटे दल गठबंधन में शामिल हो गए हैं. वहीं, पीपीपी अपने सीनियर नेता और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को एक बार फिर राष्ट्रपति बनाने के बदले में बाहर से पीएमएल-एन को समर्थन दे रही है.

पंजाब प्रांत की हुई थी तेजी से विकास
शहबाज को पंजाब प्रांत का सीएम रहने के दौरान बड़ी विकास परियोजनाओं को तेजी से लागू करने की वजह से एक कुशल प्रशासक माना जाता है. हालांकि, वह 2022 में प्रधानमंत्री के रूप में अपने 16 महीने के कार्यकाल में इस कौशल का प्रभावी प्रदर्शन करने में नाकाम रहे थे. उनके सामने अस्थिर अर्थव्यवस्था और आतंकवाद के बढ़ते खतरे की चुनौतियां हैं. उनकी सरकार को जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की जमीनी स्तर पर ताकत का भी सामना करना पड़ेगा, जो इलेक्शन में कथित धांधली के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है.

 

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