Sayed Ali Shah Geelani: जम्मू-कश्मीर स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने पूर्व अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के नाम से रजिस्टर्ड घर को कुर्क कर दिया है.
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Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने श्रीगर के बारजूला इलाके में दिवंगत अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के नाम से रजिस्टर्ड एक मकान को शनिवार को कुर्क कर दिया. अफसरों ने बताया कि ऐसा समझा जाता है कि इस मकान को 1990 के दहाई में जमात-ए-इस्लामी के ज़रिए खरीदा गया था और यह गिलानी (जेईआई) के नाम से रजिस्टर्ड था. उन्होंने कहा कि गिलानी 2000 की शुरुआत तक इस मकान में रहते थे और फिर वह शहर के हैदरपुरा इलाके में रहने चले गए थे. पिछले साल सितंबर में उनका निधन हो गया था.
अफसरों के मुताबिक, बाद में यह मकान जेईआई के अमीर (चीफ) की रिहाइश के रूप में इस्तेमाल में लाया जाने लगा. उन्होंने बताया कि एसआईए ने बारजूला इलाके में ही एक अन्य रिहायशी मकान को भी कुर्क किया है. अफसरों के मुताबिक एसआईए की यह कार्रवाई प्रतिबंधित संगठन जेईआई से जुड़ी जायदादों की कुर्की का हिस्सा है. एसआईए ने इस केंद्र-शासित प्रदेश में जेईआई की 188 जायदादों की पहचान की है, जिन्हें आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए या तो नोटिफाइड किया गया है या फिर किया जा रहा है.
J&K | Late Separatist leader Syed Ali Shah Geelani’s house at Barzulla, Srinagar sealed by SIA on the orders of DM Srinagar. pic.twitter.com/jyZIWQGrjT
— ANI (@ANI) December 24, 2022
अफसरों के मुताबिक यह कार्रवाई बाटमालू थाने में दर्ज की गई एक FIR की जांच का नतीजा है. एसआईए इस मामले की जांच कर रही है. उन्होंने बताया कि इस कदम का मकसद अलगाववादी गतिविधियों के लिए रकम की उपलब्धता का रास्ता बंद करना और भारत की संप्रभुता के लिए खतरा बने राष्ट्र विरोधी तत्वों और आतंकवादियों के नेटवर्क को तबाह करना है.
कौन हैं सैयद अली शाह गिलानी
सैयद अली शाह गिलानी जम्मू-कश्मीर के दिग्गज नेताओं में शुमार किए जाते थे. पहले उन्होंने जमात-ए-इस्लामी के साथ काम किया लेकिन बाद में उन्होंने तहरीक-ए-हुर्रियत नाम से अपनी पार्टी बना ली. उन्होंने जम्मू-कश्मीर की कई अलगाववादी पार्टियों के साथ मिलकर काम किया है. इसके अलावा सोपोर से तीन बार (1972,1977 और 1987) विधायक रहे.
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