गाजा नहीं, स्वेज नहर पर कब्जा करना चाहता है अमेरिका? ट्रंप के बयान से सबकुछ साफ
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2635737

गाजा नहीं, स्वेज नहर पर कब्जा करना चाहता है अमेरिका? ट्रंप के बयान से सबकुछ साफ

US occupation of Gaza: अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद ट्रंप ने पनामा नहर पर अपना दावा ठोका था. ट्रंप ने कहा था कि पनामा नहर अमेरिका की है और अमेरिका इस नहर को नियंत्रित करेगा, जिसके बाद दोनों देशों के बीच काफी हंगामा हुआ था. अब अमेरिका की नजर स्वेज नहर पर है.

गाजा नहीं, स्वेज नहर पर कब्जा करना चाहता है अमेरिका? ट्रंप के बयान से सबकुछ साफ

US occupation of Gaza: युद्ध से तबाह हो चुके गाजा पर इजरायल नहीं बल्कि अमेरिका का नियंत्रण होगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा के लोगों को विस्थापित करने की बात करते हुए कहा था कि गाजा पूरी तरह से तबाह हो चुका है. वहां के लोगों को अरब देशों में भेज दिया जाना चाहिए. उन्होंने मिस्र और जॉर्डन से भी कहा कि वे फिलिस्तीनियों को अपने देशों में बसाएं. ट्रंप के इस बयान पर कई अरब देशों ने नाराजगी जाहिर की थी. अब ट्रम्प ने एक और बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा है कि लड़ाई के अंत में गाजा पट्टी को इजरायल द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका को सौंप दिया जाएगा.

उन्होंने आगे कहा, "चक शूमर की तरह फिलिस्तीनी लोग भी इस क्षेत्र में पहले से ही अधिक सुरक्षित और सुंदर समुदायों में बस चुके होंगे, जहां उनके पास नए और आधुनिक घर होंगे. उन्हें वास्तव में खुश, सुरक्षित और स्वतंत्र होने का मौका मिलेगा. अमेरिका, दुनिया भर की बेहतरीन विकास टीमों के साथ मिलकर धीरे-धीरे और सावधानी से निर्माण शुरू करेगा जो पृथ्वी पर अपनी तरह का सबसे बड़ा और सबसे शानदार विकास बन जाएगा. किसी अमेरिकी सैनिक की जरूरत नहीं होगी! क्षेत्र में स्थिरता होगी!"

ट्रंप के इरादे नहीं है नेक
ट्रंप के इस बयान से यह साफ हो गया है कि गाजा को लेकर ट्रंप के इरादे नेक नहीं हैं. गाजा तो बस बहाना है, ट्रंप का निशाना स्वेज नहर है, जो मिस्र और गाजा से सटी हुई है. स्वेज नहर मिस्र के कंट्रोल में है. यह नहर व्यापार के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है. आज इस नहर से हर दिन 50 जहाज गुजरते हैं, जो हर साल 300 मिलियन टन से ज़्यादा माल ढोते हैं.  नहर के ज़रिए सबसे ज़्यादा निर्यात और आयातित सामान हैं कच्चा तेल, कच्चा सोना, कोयला, ठोस ईंधन, हीरे और यांत्रिक उपकरण, विशेष धातुएँ, कार्बनिक रसायन, प्लास्टिक, लोहा और इस्पात. 

पनामा पर भी ठोका था दावा
दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद ट्रंप ने पनामा नहर पर अपना दावा ठोका था. ट्रंप ने कहा था कि पनामा नहर अमेरिका की है और अमेरिका इस नहर को नियंत्रित करेगा, जिसके बाद दोनों देशों के बीच काफी हंगामा हुआ था. आखिरकार पनामा ने ट्रंप के दबाव में आकर घोषणा की कि वह अमेरिकी जहाजों को बिना कोई शुल्क लिए पनामा नहर से गुजरने देगा. क्योंकि अमेरिका अपना ज़्यादातर व्यापार पनामा नहर के ज़रिए करता है, जिसके लिए अमेरिका को भारी भरकम शुल्क देना पड़ता था. इसके साथ ही अमेरिका ने पनामा पर अपना दावा छोड़ दिया है और अब ट्रंप की नज़र स्वेज़ नहर पर है.

स्वेज नहर पर कब्जा करेगा अमेरिका
ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अमेरिका गाजा में अपनी सेना भेजने के बजाय हमास का इस्तेमाल कर सकता है. वह हमास को मिस्र के खिलाफ लड़वा सकता है और स्वेज नहर पर भी कब्जा कर सकता है. अमेरिका पहले भी मध्य पूर्व में प्रयोग कर चुका है. अमेरिका ने इराक और सीरिया में भी प्रयोग किया है और इसमें उसे सफलता भी मिली है. ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में अमेरिका स्वेज नहर पर कब्जा कर सकता है.

Trending news