Gaza: इजरायल ने एक बड़ा बयान दिया है, जिससे फिलिस्तीनी डर गए हैं. उन्हें अब डर है कि कहीं उन्हें इस साल भी अपने देश से बाहर तो नहीं निकाल दिया जाएगा, जैसे 1948 में फिलिस्तीनियों को निकाला गया था.
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Gaza: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्धग्रस्त गाजा से फिलिस्तीनियों को बाहर निकालने के लिए एक प्रस्ताव रखा है, जिसके बाद हर तरफ हंगामा मचा हुआ है. एक तरफ फिलिस्तीनियों का कहना है कि जब तक वे जिंदा हैं, वे गाजा में ही रहेंगे. वहीं दूसरी तरफ अमेरिका ने दोहराया है कि वह गाजा पर नियंत्रण करेगा और सभी फिलिस्तीनियों को अरब देशों में विस्थापित कर दिया जाएगा.
फिलिस्तीनियों को गाजा से बाहर निकालने की तैयारी
यह विस्थापन स्थायी या अस्थायी हो सकता है. इस बीच इजरायल ने एक बड़ा बयान दिया है, जिससे फिलिस्तीनी डर गए हैं. उन्हें अब डर है कि कहीं उन्हें इस साल भी अपने देश से बाहर तो नहीं निकाल दिया जाएगा, जैसे 1948 में फिलिस्तीनियों को निकाला गया था. इस बीच, इजरायली रक्षा मंत्री ने सेना को गाजा से फिलिस्तीनियों को निकालने की तैयारी करने का आदेश दिया है.
रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने सेना को निर्देश दिया है कि वह युद्ध से तबाह हुए क्षेत्र के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव के अनुरूप बड़ी संख्या में फिलिस्तीनियों को गाजा पट्टी छोड़ने की योजना तैयार करे. रक्षा मंत्री इजराइल कैट्ज ने गुरुवार को कहा कि इस योजना में "भूमि क्रॉसिंग पर बाहर निकलने के विकल्प के साथ-साथ समुद्र और हवा से बाहर निकलने के लिए विशेष व्यवस्थाएं शामिल होंगी."
ट्रंप के फैसले का स्वागत- इजरायली रक्षा मंत्री
उन्होंने कहा कि वे ट्रंप की "साहसिक योजना का स्वागत करते हैं, जो गाजा में बड़ी आबादी को दुनिया के विभिन्न स्थानों पर जाने की अनुमति दे सकती है." उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या फिलिस्तीनी एक दिन गाजा में वापस आ पाएंगे, जो हमास के खिलाफ इजरायल के 15 महीने के सैन्य अभियान के कारण काफी हद तक निर्जन हो गया है.
लोगों को इस चीज का सता रहा है डर
गौरतलब है कि ट्रंप ने बुधवार को प्रस्ताव दिया कि गाजा की ज्यादातर आबादी को "स्थायी रूप से" कहीं और बसाया जाए, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका इस क्षेत्र का पुनर्निर्माण करता है. अमेरिकी अधिकारियों ने बाद में कहा कि यह स्थानांतरण केवल अस्थायी होगा, लेकिन फिलिस्तीनियों को डर है कि इजरायल उन्हें कभी वापस नहीं आने देगा, जिससे राज्य की स्थापना के समय से ही शरणार्थी संकट गहरा और स्थायी हो जाएगा. ट्रम्प की योजना को फिलिस्तीनियों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के ज्यादातर लोगों ने सिरे से खारिज कर दिया. अधिकार समूहों ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हुए जबरन विस्थापन के बराबर होगा.