Islamophobia in UK : यूनाइटेड किंगडम में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नस्लवादी हमला बढ़ गया है. इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए उपप्रधानमंत्री एंजेला रेनेर एक काउंसिल बनाने का ऐलान कर दिया है. ब्रिटेन की मुस्लिम काउंसिल ने इस्लामोफोबिया को अपराध घोषित करने की मांग की थी. पूरी खबर जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें
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Islamophobia in UK : 'इस्लामोफोबिया', आप ने भी इस शब्द को सुना ही होगा. दुनिया भर में इस्लामोफोबिया यानी (इस्लाम मजहब को मानने या मुस्लिम पहचान की वजह से घृणा करना) की घटनाए बढ़ती जा रही है. तथाकथित फर्स्ट वर्ल्ड यानी विकसित देश कहलाने वाला यूरोपियन देशों में इस तरह की घटनाएं ज्यादा होती है. इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए ब्रिटेन के उप-प्रधानमंत्री काउंसिल बनाने की तैयारी में है. यह काउंसिल ब्रिटेन में इस्लामोफोबिया को परिभाषित करेगी और सरकार को इस पर कानून बनाने की सलाह देगी.
एंजेला रेनेर ने किया ये ऐलान
ब्रिटेन के उपप्रधानमंत्री एंजेला रेनेर इस्लामोफोबिया के खिलाफ काउंसिल बनाने की तैयारी में है. ब्रिटेन की मुस्लिम काउंसिल ने इस्लामोफोबिया पर कानून बनाने का मांग की थी. उपप्रधानमंत्री एंजेला रेनेर लेबर पार्टी से जुड़े हुए हैं. एंजेला की इस ऐलान का विरोध शुरू हो गया है. क्योंकि ब्रिटेन के लोग इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला मान रहे हैं. लोगों में डर है कि इस्लामोफोबिया पर बनी काउंसिल, ग्रूमिंग गैंग्स पर चर्चा को अपराध बना देगी. उपप्रधानमंत्री एंजेला और लेबर पार्टी का मानना है कि ब्रिटेन में मुस्लिम समुदाय पर उसके मुस्लिम होने की वजह से हमला बढ़ गया है. ब्रिटेन में मुस्लिम समुदाय पर हो रहे नस्लवादी हमलो पर लगाम लगाने के लिए काउंसिल बनना जरूरी है.
UN मानता है, इस्लामोफोबिया को समस्या
गौरतलब है कि इस्लामोफोबिक घटनाओं की बढ़ोतरी में वेस्टर्न मीडिया का भी रोल है. मीडिया दूष्प्रचार की वजह से दुनिया में मुस्लिमों को शक और घृणा से देखा जाने लगा. इस मीडिया ने आतंकवादी घटनाओं को इस्लाम की शिक्षा से जोड़ कर मुस्लिम समुदाय को बदनाम किया है. यूनाइटेड नेशन भी इस्लामोफोबिया को एक तरह का अपराध मानता है. 15 मार्च के दिन को यूएन के तरफ से अंतर्राष्ट्रीय इस्लामोफोबिया डे मनाया जाता है.
दंगों में हुआ था मुस्लिमों को नुकसान
पिछले साल ब्रिटेन में मुस्लिमों के खिलाफ दंगा हुआ. जिसमें वहां के मुस्लिम समुदाय को काफी नुकसान हुआ था. मुस्लिम समुदाय इस दंगा को इस्लामोफोबिया का नतीजा मानता है. यह दंगा महज एक फेक न्यूज फैलने की वजह से हुआ था. जिस तरह से हमारे देश भारत में आए दिन कोई नया जिहाद खोज लिया जाता है. जैसे थूक जिहाद, लैंड जिहाद, UPSC जिहाद, गेम जिहाद, बॉलीवुड का जिहाद और भी कई तरह के नामों से आम भारतीय हिंदू को डराया जाता है. ठीक उसी तरह ब्रिटेन में भी 'ग्रूमिंग गैंग' के नाम पर वहां के लोगो को डराया जाता है.