New Delhi: आज लोकसभा में महिला आरक्षण बिल यानी नारी शक्ति वंदन अधिनियम पेश किया गया है, जिस पर लोकसभा में भारी हंगामे के बीच चर्चा हो रही है लेकिन इससे पहले सोशलिस्ट और सेक्युलर शब्दों को लेकर मुल्क में एक नई बहस छिड़ गई है.
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New Delhi: आज मुल्क की नई संसद में कार्यवाही शुरू हुई. इस दौरान लोकसभा में महिला आरक्षण बिल यानी नारी शक्ति वंदन अधिनियम पेश किया गया है, जिस पर लोकसभा में भारी हंगामे के बीच चर्चा हो रही है. इससे पहले सोशलिस्ट और सेक्युलर शब्दों को लेकर मुल्क में एक नई बहस छिड़ गई है. लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इल्जाम लगाया कि उन्हें जो संविधान की कॉपी दी गई है, उसमें सोशलिस्ट और सेक्युलर शब्द नहीं है. इसके बाद TMC राज्यसभा सांसद डोला सेना ने यहीं बात दोहराई.
राज्यसभा सांसद डोला सेना कहा, “संविधान की जो कॉपी सांसदों को दी गई है. उसमें सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्द गायब है. मेरा सवाल ये है कि बिना किसी चर्चा के ये बदलाव कैसे किया गया. TMC इसका मुख़ालिफ़त करेगी. ये सरकार संविधान विरोधी है.”
इस मुद्दे पर विपक्ष के लीडर अधीर रंजन चौधरी ने भी सवाल करते हुए कहा था, “संविधान की जो नई कॉपी आज (19 सितंबर) हमें दी गईं, जिन्हें हम अपने हाथों में पकड़कर (नए संसद भवन) में दाखिल हुए. इसकी प्रस्तावना में 'सोशलिस्ट और सेक्युलर' शब्द नहीं है.”
आगे उन्होंने कहा, "हमने राहुल गांधी को इस बारे में बताया है, हमने दिखाया है कि संविधान के साथ फेरबदल किया जा रहा है. संविधान को एक सोची समझी साजिश के तहत बदला जा रहा है." बता दें कि नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने इस बात को 19 सितंबर को भी नई संसद में उठाने की कोशिश की थी.
इस मामले पर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा, “संविधान की जो असली कॉपी है, वो सभी सांसदो को दी गई है और इस पर कल जवाब भी दिया जा चुका है.” वहीं बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने कहा, “ये मुद्दे से भटकाने की कोशिश है, भाजपा को संविधान में अटूट भरोसा है.”
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