नूपुर शर्मा केस: अदालत ने कोल्हे के क़त्ल के मुल्जिम इमाम को जमानत देने से किया इंकार
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नूपुर शर्मा केस: अदालत ने कोल्हे के क़त्ल के मुल्जिम इमाम को जमानत देने से किया इंकार

Mumbai news: मुंबई की अदालत ने अमरावती के फार्मासिस्ट कोल्हे की कत्ल के मुल्जिम को जमानत देने से इनकार कहते हुए कहा है कि मुलजिम के खिलाफ काफी सबूत हैं, जो इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि क़त्ल की साजिश में वो भी शामिल था. 
 

नूपुर शर्मा केस: अदालत ने कोल्हे के क़त्ल के मुल्जिम इमाम को जमानत देने से किया इंकार

Mumbai news: मुंबई की एक अदालत ने पिछले साल अमरावती के फार्मासिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या के एक मुल्जिम को जमानत देने से इनकार कर दिया है, और कहा है कि अहमद अपराध की साजिश में शामिल था. इसे दिखाने के लिए विशेष आरोप और सबूत भी हैं. भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद के बारे में ब्यान पर कोल्हे ने स्पोट करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया था. 21 जून, 2022 को मुंबई से तकरीबन 650 किलोमीटर दूर पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती शहर में कोल्हे का कत्ल कर दिया गया था. अदालत के जज राजेश कटारिया ने 10 नवंबर को जारी किए आदेश में कहा है कि मुल्जिम मुशिफिक अहमद के खिलाफ अपराध की कथित साजिश में शामिल होने के संबंध में सबूत हैं. 

अदालत ने कहा-'अपराध बहुत गंभीर है.' 
अदालत ने अभियोजन एजेंसी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा लगाए गए आरोपों और आरोप पत्र में उसके द्वारा पेश सबूत को देखते हुए कहा- "अपराध बहुत गंभीर है."  अदालत ने कहा- "केस की हर पहलु पर विचार करते हुए कत्ल में अहमद की भूमिका जाहिर होती है. ऐसा साबित करने के लिए विशिष्ट आरोप और सबूत हैं कि अहमद भी अपराध की साजिश में शामिल था और सह-अभियुक्त व्यक्तियों की मदद की थी."   न्यायाधीश ने कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि अहमद के खिलाफ आरोप 'स्वाभाविक रूप से असंभव या पूरी तरह से अविश्वसय हैं. अदालत ने जमानत याचिका खारिज करते हुए अपने हुकुम में कहा- "यह मानने के काफी वजह हैं कि अहमद के खिलाफ आरोप प्रथम  सही हैं." 

अहमद ने दावा किया कि उसे मामले में फंसाया गया है 
अहमद ने जमानत का गुजारिश करते हुए अपनी याचिका में दावा किया कि उसे मामले में फंसाया गया है और उसका इस कत्ल में कोई मदद नहीं की है. उसने कहा कि वह एक इलाके के मस्जिद का इमाम और एक सोशल वर्कर भी है.  एनआईए ने याचिका का विरोध किया और दावा किया कि अहमद अहम साजिशकर्ताओं में से एक था और उसने मामले में अन्य साथियों की मदद की हैं.. 

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