Rahul Gandhi Manipur Visit : मणिपुर में पुलिस ने राहुल गांधी का रोका काफिला, दिया ये हवाला
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Rahul Gandhi Manipur Visit : मणिपुर में पुलिस ने राहुल गांधी का रोका काफिला, दिया ये हवाला

Rahul Gandhi Manipur Visit : कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज मणिपुर दौरा पर है. मणिपुर में हिंसा के कारण 35 हजार लोगों को पलायन करना पड़ा है. राहुल गांधी विस्थापित हुए लोगों से मिलने जा रहें थे. 

Rahul Gandhi Manipur Visit : मणिपुर में पुलिस ने राहुल गांधी का रोका काफिला, दिया ये हवाला

Rahul Gandhi Manipur Visit : कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुरुवार को मणिपुर पुलिस ने इम्फाल से लगभग 20 किलोमीटर दूर बिष्णुपुर के पास मणिपुर पुलिस ने रोक दिया है. क्योंकि पुलिस को रास्ते में हिंसा की आशंका थी. इंफाल पहुंचने के बाद राहुल गांधी चुराचांदपुर जा रहे थे. जहां उनके काफिले को रोक दिया गया. चुराचांदपुर में राहुल गांधी का राज्य में जातीय संघर्ष से विस्थापित हुए लोगों से मिलने का कार्यक्रम है. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि "पुलिस राहुल गांधी की कार को आगे नहीं बढ़ने दे रही थी. जबकि किनारे खड़े लोग उनकी ओर हाथ हिला रहे थे. आगे उन्होंने कहा कि ''हम समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्होंने हमें क्यों रोका है''.

राहुल गांधी की मणिपुर दौरा से पहले ऑल मणिपुर स्टूडेंट्स यूनियन ने एक बयान जारी कर राज्य में लगातार सरकारों की निंदा की थी. संघ ने कहा कि "मणिपुर में वर्तमान सांप्रदायिक संकट उन राजनीतिक भूलों का परिणाम है जो समय के साथ मणिपुर पर शासन करने वाली सरकारों द्वारा की गई हैं और इसमें कांग्रेस की बड़ी भूमिका है." कुकी राष्ट्र राज्य की स्वप्रभूमि छात्र संघ ने  बताया कि 2012 में कांग्रेस पार्टी ने चार ग्राम पंचायतों और एक जिला परिषद निर्वाचन क्षेत्र को हटा दिया. जो मणिपुर पंचायती राज प्रणाली से इंफाल पश्चिम जिले का हिस्सा थे और उन्हें कांगोपी जिले की स्वायत्त जिला परिषद के तहत आने के लिए आवंटित किया गया था. इसने इसे और बढ़ाया था. 

मणिपुर हिंसा की असली वजह
मणिपुर में कुकी और मैती समुदाय पिछले महीने से जातीय संघर्ष जारी है. मणिपुर में मैति समुदाय बहुत लंबे समय से अपने जाति को जनजाति समुदाय में शामिल करने की मांग कर रहा था. इस मुद्दे को लेकर राज्य में कई बार आंदोलन भी हुआ. मैति समुदाय के लोगों ने इससे संबंधित याचिका हाईकोर्ट में डाली. जिसके बाद हाईकोर्ट ने मैति समुदाय के पक्ष में फैसला सुनाया. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य में हिंसा भड़क गया. सेना के तैनाती के बावजूद 35 हजार लोगों को पालायन करना पड़ा.

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