Human Milk Commercialization: फूड रेग्युलेटरी अथॉरिटी ने कहा कि उसने एफएसएस एक्ट, 2006 के तहत मानव दूध के प्रोसेसिंग या बिक्री की इजाजत नहीं दी है. अगर कोई इसका उल्लंघन करते हुए पकड़ा जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त से कार्रवाई की जाएगी.
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Human Milk Commercialization: भारतीय बाजारों मां के दूध की बिक्री धड़ल्ले से चल रही है. लेकिन अब फूड डिपार्टमेंट एफएसएसएआई ने मां के दूध की बिक्री के खिलाफ फूड बिजनेस ऑपरेटर को कड़ी चेतावनी दी है. डिपार्टमेंट ने लाइसेंसिंग अफसरों को मानव दूध के प्रोसेसिंग और बिक्री के लिए मंजूरी जारी नहीं करने का हुक्म दिया है. हालांकि, इन हिदायतों के बाद भी कुछ संस्थाएं मां का दूध खुले बाज़ार में बेच रही हैं.
फूड सेफ्टी एण्ड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने ‘मानव दूध और उसके उत्पादों के अनधिकृत व्यावसायीकरण’ पर एक सलाह जारी की है और यह भी कहा है कि उसने ऐसी किसी बिक्री की इजाजत नहीं दी है. रेग्युलेटरी अथॉरिटी ने 24 मई को सलाह में कहा, "इस कार्यालय को मानव दूध और उसके उत्पादों के व्यावसायीकरण के संबंध में अलग-अलग पंजीकृत कमेटियों से रिप्रजेंटेशन मिल रहे हैं. इस संबंध में यह ध्यान दिया जा सकता है कि एफएसएसएआई ने एफएसएस एक्ट 2006 और नियमों के तहत मानव दूध के प्रोसेसिंग /या बिक्री की इजाजत नहीं दी है और इसके तहत नियम बनाए गए हैं."
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के फूड सिक्योरिटी कमिश्नरों को जारी सलाह में मॉनिटरिंग ऑर्गेनाइजेशन ने यह भी सलाह दी है कि मानव दूध और उसके प्रोडक्ट्स के व्यावसायीकरण ( Commercialization ) से संबंधित ऐसी सभी एक्टीविटीज को तुरंत रोक दिया जाना चाहिए.
अथॉरिटी ने कहा, "इसके किसी भी उल्लंघन के परिणामस्वरूप एफएसएस एक्ट, 2006 और उसके तहत बनाए गए नियमों/विनियमों के मुताबिक एफबीओ (खाद्य व्यवसाय संचालकों) के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा सकती है."
इसके अलावा FSSAI ने राज्य और केंद्रीय लाइसेंसिंग अफसरों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि "मां के दूध/मानव दूध" के प्रोसेसिंग या बिक्री में शामिल ऐसे एफबीओ को कोई लाइसेंस या रेजिस्ट्रेशन नहीं दिया जाए.