म्यांमार की आंग सांग सू ची की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के शासन के दौरान साल 2017 में मुलमानों के खिलाफ हिंसा हुई थी. अब इस पार्टी को भंग कर दिया गया है.
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म्यांमा की सैन्य सरकार ने राजनीतिक विरोधियों पर लगाम लगाने के अपने अभियान के तहत बुधवार को एक और बड़ा कदम उठाया है. चुनावों से पहले तय समयसीमा के अंदर पंजीकरण नहीं कराने पर दर्जनों विपक्षी दलों को भंग कर दिया. इनमें अपदस्थ नेता आंग सान सू ची की पार्टी भी शामिल है.
सू ची की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (NLD) सहित 40 राजनीतिक दलों को भंग कर दिया गया. निर्वाचन आयोग ने यह आधिकारिक घोषणा की. आयोग का फैसला राज्य नियंत्रित प्रेस में बुधवार को प्रकाशित हुआ. एनएलडी सरकार ने संसद में भारी बहुमत के साथ 2015 से 2021 तक म्यांमा में शासन किया. उसके बाद सेना ने उस सरकार को अपदस्थ कर दिया था. एनएलडी ने पहले ही ऐलान किया था कि वह पंजीकरण नहीं कराएगी और उसने प्रस्तावित चुनावों को दिखावा बताते हुए उसकी निंदा की थी.
एनएलडी के साथ ही अन्य आलोचकों का कहना है कि सैन्य शासित देश में चुनाव न तो स्वतंत्र और न ही निष्पक्ष हो सकेंगे. म्यांमा में स्वतंत्र मीडिया पर रोक है और सू ची की पार्टी के अधिकतर नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है. एनएलडी ने नवंबर 2020 के चुनाव में शानदार जीत हासिल की थी. लेकिन फरवरी 2021 में सेना ने सरकार और पार्टी के शीर्ष सदस्यों को हिरासत में लेते हुए सत्ता पर कब्जा कर लिया था.
ख्याल रहे कि आंग सान सू ची की पार्टी उस वक्त सत्ता में थी जब म्यांमार में साल 2017 में भयानक हिंसा हुई थी. यहां की सेना ने मुसलमानों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. लाखों रोहिंग्या मुसलमानों का कत्ल किया गया था. इसके बाद यहां से 6 लाख रोहिंग्या मुसलमानों ने पलायन किया था. इन मुसलमानों ने बांग्लादेश में पनाह ली थी. बांग्लादेश में अभी भी लाखों रोहिंग्या मुसलमानों ने पनाह ले रखी है.
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