Woman with toy gun in Beirut bank: यह मामला लेबनान के बेरूत के एक बैंक (Beirut Bank) का है. नकदी संकट के कारण बैंक ने ग्राहकों के ही पैसे निकालने पर प्रतिबंध लगा रखा है. ऐसे में एक महिला को अपने ही पैसे निकालने के लिए नकली बंदूक का सहारा लेना पड़ा.
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बेरूतः लेबनान में बेरूत के एक बैंक में एक महिला ने खिलौने वाली एक पिस्तौल के दम पर बैंक कर्मचारियों को डरा-धमकाकर पैसे निकाल लिए. महिला कुछ सहयोगियों के साथ बुधवार को खिलौने वाली एक पिस्तौल के साथ बैंक पहुंची थी. उसने बैंक में जमा अपनी ही रकम में से 13,000 अमरीकी डॉलर निकलवा लिए. खिलौने वाली पिस्तौल उसके भतीजे की थी.
पुलिस ने बताया कि हाफ़िज़ नाम की महिला और अन्य जमाकर्ताओं के एक समूह ‘डिपॉजिटर्स आउटक्राई’ के कार्यकर्ता बीएलओएम बैंक शाखा में आए और सीधे प्रबंधक के कार्यालय में घुस गए. उन्होंने बैंक कर्मचारियों को 12,000 अमरीकी डॉलर और लगभग 1,000 अमरीकी डॉलर के बराबर लेबनानी पाउंड देने के लिए मजबूर किया.
Lebanon depositors hold up bank and take hostages to withdraw savings
Sali Hafez told al-Jadeed TV that the gun she was carrying was a toy
Another depositor M. SH. managed to get $30,000 from a bank in Aley before being arrested by the ISF https://t.co/n4GBunijW8 https://t.co/IvzzRLggjz pic.twitter.com/9LPIvFsXVn
Saad Abedine (@SaadAbedine) September 14, 2022
बैंक ने पैसे निकालने पर लगा रखा है सीमा
साली हाफ़िज़ ने स्थानीय अल-जदीद टीवी को बताया कि उसे अपनी बहन के कैंसर के इलाज के लिए बड़ी रकम की ज़रूरत है. हाफिज ने कहा कि वह पहले कई बार अपने बैंक में जमा पूरी रकम की मांग करने के लिए बैंक गई थी, लेकिन उससे कहा गया कि वह लेबनानी पाउंड में सिर्फ 200 अमरीकी डॉलर प्रति माह निकाल सकती है. इसलिए उसने यह कमद उठाया. हाफिज ने कहा कि उस बैंक में उनकी कुल 20,000 अमेरिकी डॉलर की बचत जमा है. उसने कहा कि वह पहले ही अपना बहुत सारा निजी सामान बेच चुकी है और अपनी 23 वर्षीय बहन के कैंसर के इलाज के लिए अपने गुर्दे बेचने पर विचार कर रही थी.
बैंक ने पहले पैसे देने से किया था इंकार
हाफिज ने टेलीविजन चैनल से एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘मैंने अपनी रकम के लिए पहले शाखा प्रबंधक से विनती की थी और मैंने उसे बताया था कि मेरी बहन मर रही है, मेरे पास ज्यादा वक्त नहीं है. मैं एक ऐसे मोड़ पर पहुंच गई थी, जहां मेरे पास खोने के लिए और कुछ नहीं था.’’ लेबनान के नकदी-संकट वाले बैंकों ने 2019 से विदेशी मुद्रा की निकासी पर सख्त सीमाएं लगा दी हैं, जिससे लाखों लोगों की बचत बैंकों में फंस गई है.
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