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Amavasya Upay: हिंदू धर्म के अनुसार अमावस्या को बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन दान का विशेष महत्व बताया जाता है. इस साल भाद्रपद अमावस्या 14 सितंबर को सुबह 4 बज कर 48 मिनट से शुरू होगी जिसका समापन अगले दिन 15 सितंबर को सुबह 7 बजकर 9 मिनट में होगी. ऐसे में 14 सितंबर के दिन ही भाद्रपद अमावस्या मनाई जाएगी.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त में दान-स्नान आदि करना बहुत ही शुभ माना गया है. ऐसा माना जा रहा है कि इस दिन साध्य योग और पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का खास संयोग बन रहा है. वैसे तो इस दौरान कोई भी नई चीज घर लाना या किसी भी नए कार्य की शुरुआत करना शुभ नहीं माना गया है. यहां तक कि इस दौरान एक पत्ता तोड़ना भी शुभ नहीं होता. लेकिन आमावस्या के दिन जो लोग कुशा घास घर लाते हैं उनके सारे कार्य कुशलपुर्वक पूरे हो जाते हैं.
भाद्रपद अमावस्या पर कुशा घास घर लाने के लाभ
हिंदू मान्यताओं के अनुसार अमावस्या की तिथि पूर्वजों को याद करने का दिन होता है. इस दिन कोई भी नई चीज घर में लाने की पूरी तरह से मनाही होती है लेकिन हिंदू धर्म के अनुसार भाद्रपद अमावस्या में कुशा घास को घर लाना शुभ होने के साथ फलदायी माना जाता है. दरअसल ऐसी मान्यता है कि अमावस्या में जो भी पूजा होती है उस दौरान कुसा घास के प्रयोग की वजह उस पूजा का फल दोगुना हो जाता है. साथ ही उस पूजा का जो पुण्य है वह व्यक्ति पर हमेशा बना रहता है.
महाभारत में मिला कुशा घास का महत्व
महाभारत में एक प्रसंग के अनुरूप गरुड़ देव जब स्वर्ग लोक से अमृत लेकर आ रहे थे तो उन्होंने अमृत कलश को कुछ देर के लिए कुशा घास पर रख दिया. जिसके बाद से ही कुशा घास पर अमृत कलश रखने की वजह से इसे शुभ और पवित्र माना जाने लगा. इसलिए भाद्रपद अमावस्या में कुशा घास को घर में लाना शुभ माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)