Electricity Rates: बिजली हुई महंगी, 5 से 7 फीसदी बढ़े रेट, 1 अक्टूबर से खर्च होंगे ज्यादा रुपये
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Electricity Rates: बिजली हुई महंगी, 5 से 7 फीसदी बढ़े रेट, 1 अक्टूबर से खर्च होंगे ज्यादा रुपये

Electricity Rates Increased: अब से राज्य सरकार (State Government) ने बिजली की दरों (Electricity rates) में इजाफा कर दिया है. जी हां... त्रिपुरा राज्य बिजली निगम लिमिटेड (TSECL) ने बिजली की दरों में इजाफा कर दिया है.

Electricity Rates: बिजली हुई महंगी, 5 से 7 फीसदी बढ़े रेट, 1 अक्टूबर से खर्च होंगे ज्यादा रुपये

Electricity Rates Increased: अगर आप भी बिजली सस्ती होने का इंतजार कर रहे थे तो आपको बड़ा झटका लग सकता है. अब से राज्य सरकार (State Government) ने बिजली की दरों (Electricity rates) में इजाफा कर दिया है. जी हां... त्रिपुरा राज्य बिजली निगम लिमिटेड (TSECL) ने बिजली की दरों में इजाफा कर दिया है. इस बार बिजली की दरों में औसतन 5 से 7 फीसदी का इजाफा हुआ है. एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी है. 

1 अक्टूबर से लागू होंगी नई दरें 

आपको बता दें बिजली की नई दरें 1 अक्टूबर 2023 से प्रभावी हो जाएंगी. कभी लाभ कमाने वाली सरकारी इकाई रही टीएससीईएल (TSECL) को वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कुल 280 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है और चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों में इसे 80 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है.

इससे पहले 2014 में हुआ था बदलाव

टीएसईसीएल (TSECL) ने बिजली दरों में इससे पहले 2014 में बदलाव किया था फिलहाल, पूर्वोत्तर राज्य में लगभग 10 लाख बिजली उपभोक्ता हैं.

काफी विचार के बाद लिया गया है फैसला

टीएसईसीएल (TSECL) के प्रबंध निदेशक देबाशीष सरकार ने पीटीआई-भाषा से कहा है कि सभी कारकों पर विचार करने और त्रिपुरा बिजली नियामक आयोग (TERC) के साथ परामर्श के बाद बिजली निगम को बचाने के लिए बिजली दरों में औसतन 5-7 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है.”

क्यों बढ़ाई गईं बिजली की कीमतें?

आपको बता दें बिजली की दरों में बढ़ोतरी के पीछे मुख्य कारण गैस की कीमत में इजाफा होना है. पिछले कुछ सालों में इसमें लगभग 196 फीसदी तक का इजाफा हो चुका है. 

सरकार ने दी जानकारी

सरकार ने कहा है कि पहले, टीएसईसीएल गैस आधारित बिजली उत्पादन इकाइयों को चलाने के लिए प्रति माह गैस की खरीद पर 15 करोड़ रुपये खर्च करती थी, लेकिन अब यह खर्च बढ़कर 35-40 करोड़ रुपये मासिक हो गया है. बिजली दरों में बढ़ोतरी के अलावा कोई रास्ता नहीं है.

इनपुट - भाषा एजेंसी

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