Vodafone Idea Share: वोडाफोन आइडिया की प्रति ग्राहक औसत कमाई (एआरपीयू) जून तिमाही में बढ़कर 139 रुपये हो गई, जो इससे पिछले साल की समान तिमाही में 128 रुपये थी. समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी का पूंजीगत व्यय 450 करोड़ रुपये रहा. इसका कुल सकल ऋण जून के अंत में 2,11,760 करोड़ रुपये रहा.
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Vodafone Idea: कर्ज में डूबी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) को एक और झटका लगा है. अब कंपनी का घाटा बढ़ गया है. कंपनी का चालू वित्त वर्ष की जून में समाप्त पहली तिमाही का एकीकृत नेट लॉस बढ़कर 7,840 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. कंपनी को इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 7,295.7 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था. वोडाफोन आइडिया ने कहा कि आलोच्य तिमाही में उसकी एकीकृत परिचालन आय 2.3 प्रतिशत बढ़कर 10,655.5 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 10,406.8 करोड़ रुपये थी.
वोडाफोन आइडिया
वोडाफोन आइडिया की प्रति ग्राहक औसत कमाई (एआरपीयू) जून तिमाही में बढ़कर 139 रुपये हो गई, जो इससे पिछले साल की समान तिमाही में 128 रुपये थी. समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी का पूंजीगत व्यय 450 करोड़ रुपये रहा. इसका कुल सकल ऋण जून के अंत में 2,11,760 करोड़ रुपये रहा. इसमें स्पेक्ट्रम शुल्क का 1,33,740 करोड़ रुपये का लंबित भुगतान और 66,860 करोड़ रुपये का समायोजित सकल राजस्व शामिल है.
4जी ग्राहकों में वृद्धि
वीआईएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अक्षय मूंदड़ा ने बयान में कहा, ‘‘औसत दैनिक राजस्व, एआरपीयू और 4जी ग्राहकों में वृद्धि का यह लगातार आठवीं तिमाही रही. यह बाजार में प्रभावी ढंग से परिचालन और प्रतिस्पर्द्धा करने की हमारी क्षमता को दर्शाती है.’’ वोडाफोन आइडिया ने जून तिमाही में करीब 1,000 स्थलों पर 4जी नेटवर्क स्थापित किए. हालांकि, कंपनी की 5जी सेवाएं देने की योजना अब भी पिछड़ी हुई है.
5जी पेशकश रणनीति
कंपनी ने कहा, ‘‘हम अपनी 5जी पेशकश रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए कई नेटवर्क कंपनियों से बात कर रहे हैं. हमने अपने 5जी नेटवर्क पर सभी प्रमुख उपकरण निर्माताओं के उपकरणों का परीक्षण किया है.’’ वहीं कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया को प्रवर्तक समूह की एक इकाई से 2,000 करोड़ रुपये तक के वित्तीय समर्थन का भरोसा मिला है. कंपनी ने बताया कि 30 जून, 2023 तक उसका कुल कर्ज 2.11 लाख करोड़ रुपये था.
धन की जरूरत
वोडाफोन आइडिया ने कहा, ‘‘प्रवर्तक समूह की एक इकाई ने इस बात की पुष्टि की है कि कंपनी को अपने आसन्न भुगतान दायित्वों को पूरा करने के लिए किसी भी धन की जरूरत होने पर वह 2,000 करोड़ रुपये तक की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष वित्तीय सहायता देगी.’’ (इनपुट: भाषा)