Analysis: कर्नाटक सरकार में क्यों है उठापटक... आखिर कांग्रेस के इस चाणक्य को क्या चाहिए?
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Analysis: कर्नाटक सरकार में क्यों है उठापटक... आखिर कांग्रेस के इस चाणक्य को क्या चाहिए?

Karnataka Congress: कर्नाटक कांग्रेस में सत्ता को लेकर चल रही यह खींचतान राज्य की राजनीति को और पेचीदा बना रही है. खासकर कांग्रेस आलाकमान के लिए तो जरूर चिंता का विषय है. देखना होगा कि आलाकमान इस स्थिति को कैसे संभालता है.

Analysis: कर्नाटक सरकार में क्यों है उठापटक... आखिर कांग्रेस के इस चाणक्य को क्या चाहिए?

Shivakumar power struggle: याद करिए कुछ समय पहले जब कर्नाटक में कांग्रेस सरकार बनी थी तो वहां सीएम पद के लिए तगड़ी उठापटक थी. तब आलाकमान ने मामले को संभाल लिया था. अब फिर इन दिनों सियासी उठापटक का दौर जारी है. राज्य में सत्ता शेयर करने के कथित समझौते को लेकर चल रही चर्चाओं ने राजनीति गरमा दी है. उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को कई मौकों पर कांग्रेस का चाणक्य कहा गया, वे बेहद संतुलित नजर आते हैं. लेकिन उनके हालिया बयानों से इन अटकलों को और हवा दी है. शिवकुमार कई मौकों पर संकट के समय खुलकर पार्टी के लिए खड़े हुए हैं. अब उनके और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष की खबरें सुर्खियां बटोर रही हैं.

मंत्री राजन्ना के बयान से अटकलें तेज.. 
असल में कर्नाटक सरकार के मंत्री के एन राजन्ना ने शुक्रवार को बयान दिया कि शिवकुमार को मौजूदा सरकार के बचे हुए ढाई साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री बनने की बजाय अगले चुनावों में पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए. उन्होंने कहा कि शिवकुमार पूरे पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बनें, इसके लिए उन्हें 2028 के चुनावों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. यह बयान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा मंत्रिमंडल के दलित और अनुसूचित जनजाति के सहयोगियों के साथ आयोजित रात्रिभोज की पृष्ठभूमि में आया है. राजन्ना का बयान कांग्रेस के भीतर नई अटकलें खड़ा कर रहा है.

शिवकुमार का बयान और फिर बीजेपी का पलटवार
उधर शिवकुमार ने विधानसभा सत्र के दौरान बयान दिया कि उनके राजनीतिक गुरु एसएम कृष्णा ने उन्हें सलाह दी थी कि अगर सत्ता सौंपी न जाए तो उसे छीन लेना चाहिए. यह बयान उन्होंने क्यों दिया ये तो वे ही जानें लेकिन इसे मुख्यमंत्री बनने की उनकी मंशा को दर्शाने के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि उन्होंने अपने बयान को साधारण संदर्भ में लेने की अपील की. इस पर बीजेपी ने शिवकुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस में सत्ता संघर्ष चरम पर है. बीजेपी नेता बीवाई विजयेंद्र ने आरोप लगाया कि शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच खींचतान से सरकार अस्थिर हो रही है. उन्होंने कांग्रेस पर "डिनर पॉलिटिक्स" के जरिए विधायकों को साधने का आरोप भी लगाया.

डिनर पॉलिटिक्स और कांग्रेस पर बीजेपी के आरोप
बीजेपी ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंत्रियों और विधायकों के साथ "डिनर पॉलिटिक्स" शुरू कर दी है ताकि अपनी स्थिति मजबूत कर सकें. बीजेपी के मुताबिक, सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच सत्ता संघर्ष राज्य की प्रगति पर असर डाल रहा है. विजयेंद्र ने दावा किया कि कांग्रेस की इस आंतरिक कलह का नुकसान राज्य के विकास को हो रहा है और विधायक फंड्स के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

शिवकुमार का हवन विवाद और सफाई
इस बीच अगले दिन शिवकुमार द्वारा तमिलनाडु के एक मंदिर में "हवन" करने की खबरें भी चर्चा में हैं. केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि यह हवन उनके राजनीतिक विरोधियों के नाश के लिए किया गया था. शिवकुमार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह हवन उनकी सुरक्षा और मानसिक शांति के लिए था. उन्होंने मीडिया पर भी तंज कसते हुए कहा कि "मीडिया से बचाने" के लिए भी उन्होंने भगवान से प्रार्थना की.

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