GDP Forecast: रिपोर्ट के अनुसार इस पूर्वानुमान का मतलब है कि 2024-26 के दौरान दुनिया की 80 प्रतिशत से अधिक आबादी और ग्लोबल जीडीपी वाले देश कोविड-19 से पहले के दशक की तुलना में धीमी गति से बढ़ रहे होंगे.
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Fastest Growing Economies: वर्ल्ड बैंक की तरफ से एक रिपोर्ट में कहा गया कि भारत अगले तीन साल में 6.7 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा. वर्ल्ड बैंक की ‘ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट’ (Global Economic Outlook Report) के अनुसार भारत में वित्त वर्ष 2023-24 में इकोनॉमिक ग्रोथ बढ़कर 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है. यह वर्ल्ड बैंक के जनवरी में जताए गए पिछले अनुमान से 1.9 प्रतिशत अधिक है. इसके साथ ही वर्ल्ड बैंक ने साल 2024 में ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ के 2.6 प्रतिशत पर स्थिर रहने का अनुमान जताया.
ग्लोबल ग्रोथ बढ़कर औसतन 2.7 प्रतिशत तक हो जाएगी
वर्ल्ड बैंक ने कहा कि अगले दो साल में ग्लोबल ग्रोथ बढ़कर औसतन 2.7 प्रतिशत तक हो जाएगी. हालांकि, यह भी कोविड-19 से पहले के दशक के 3.1 प्रतिशत से काफी कम होगी. रिपोर्ट के अनुसार ‘इस पूर्वानुमान का मतलब है कि 2024-26 के दौरान दुनिया की 80 प्रतिशत से अधिक आबादी और ग्लोबल जीडीपी वाले देश कोविड-19 से पहले के दशक की तुलना में धीमी गति से बढ़ रहे होंगे.’ साउथ एशिया क्षेत्र में वृद्धि वर्ष 2023 में 6.6 प्रतिशत रही थी और इसके वर्ष 2024 में सुस्त पड़कर 6.2 प्रतिशत रह जाने का अनुमान है. इस सुस्ती के पीछे का मुख्य कारण हाल के वर्षों में उच्च आधार से भारत की वृद्धि दर में आई नरमी होगी.
विस्तार की रफ्तार धीमी होने की संभावना
हालांकि, वर्ल्ड बैंक को भारत में स्थिर वृद्धि दर के साथ 2025-26 में दक्षिण एशिया क्षेत्र की वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है. इस क्षेत्र की अन्य अर्थव्यवस्थाओं में बांग्लादेश में वृद्धि पिछले साल की तुलना में थोड़ी सुस्त रह सकती है जबकि पाकिस्तान और श्रीलंका में इसके मजबूत रहने की उम्मीद है.’ रिपोर्ट कहती है, ‘भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश बना रहेगा लेकिन इसके विस्तार की रफ्तार धीमी होने की संभावना है. वित्त वर्ष 2023-24 में उच्च वृद्धि के बाद 2024-25 से शुरू होने वाले तीन वित्त वर्षों के लिए औसतन 6.7 प्रतिशत प्रति वर्ष की स्थिर वृद्धि का अनुमान है.’
रिपोर्ट के अनुसार निजी खपत वृद्धि को कृषि उत्पादन में सुधार और महंगाई में आई गिरावट से फायदा होने की उम्मीद है. जीडीपी के सापेक्ष चालू व्यय को कम करने के सरकार के लक्ष्य के अनुरूप सरकारी खपत में धीमी वृद्धि होने का अनुमान है. रिपोर्ट के अनुसार ग्लोबल इंफ्लेशन 2024 में 3.5 प्रतिशत और 2025 में 2.9 प्रतिशत तक कम होने की उम्मीद है लेकिन यह रफ्तार छह महीने पहले के अनुमान की तुलना में धीमी है. इससे कई केंद्रीय बैंक नीतिगत ब्याज दरों को कम करने में सावधानी बरत सकते हैं. (भाषा)