IAS Journey: कंचन सिंह की कहानी कठिनाइयों के बावजूद, सही दिशा, मेहनत और समर्पण से सफलता पाने की मिसाल है. 24 साल के संघर्ष के बाद IAS बनने का उनका सफर हर युवा को प्रेरित करता है कि अपने सपनों को साकार करने के लिए कभी हार न मानें.
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IAS Kanchan Singh Success Story: भारत में सरकारी नौकरी पाने का सपना हर युवा का होता है और कंचन सिंह की कहानी इस बात का जीता जागता प्रमाण है. झारखंड की महिला अधिकारी कंचन सिंह ने 24 वर्षों के कठिन संघर्ष के बाद समाज कल्याण विभाग में कार्यरत रहते हुए IAS पद पर अपना प्रामोशन प्राप्त किया है. उनके इस सफर ने न केवल उनके पिता के अधूरे सपने को पूरा किया, बल्कि यह भी दिखा दिया कि सही दिशा, मेहनत और समर्पण से हर मंजिल हासिल की जा सकती है.
शैक्षिक पृष्ठभूमि और शुरुआती जीवन
कंचन सिंह की पढ़ाई सरकारी स्कूल से शुरू हुई, जहां उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने पटना साइंस कॉलेज से आगे की शिक्षा प्राप्त की और कानून, प्रशासनिक या संबंधित क्षेत्र में स्नातक की डिग्री की तैयारी की. हालांकि उन्होंने UPSC सिविल सेवाओं की परीक्षा में सफलता हासिल नहीं की, लेकिन उनकी लगन और मेहनत ने उन्हें बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा में पास किया. यह सफलता उनके जीवन की पहली बड़ी छलांग साबित हुई.
PCS अधिकारी के रूप में करियर की शुरुआत:
साल 2000 में कंचन सिंह ने BPSC की परीक्षा देकर PCS अधिकारी के रूप में अपनी शुरुआत की. उन्होंने समाज कल्याण विभाग में कार्य करते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वाह किया. इस दौरान उन्होंने विभिन्न प्रशासनिक चुनौतियों का सामना किया और धीरे-धीरे अपने अनुभव और दक्षता से विभाग में अपनी पहचान बनाई. 24 वर्षों के इस सफर में उन्होंने न केवल कार्यालय के कामों में महारत हासिल की, बल्कि अपने व्यक्तित्व में भी निरंतर विकास किया.
IAS पद पर प्रमोशन
अपनी कठोर मेहनत और अदम्य साहस के बल पर कंचन सिंह का प्रामोशन हुआ और उन्हें IAS पद पर नियुक्त किया गया. यह उन्नति उनके लिए एक प्रेरणादायक मोड़ साबित हुई, जिसने उन्हें और भी ऊंचाइयों तक पहुंचने का आत्मविश्वास प्रदान किया. इस पद पर आने के साथ ही उनकी जिम्मेदारियाँ भी बढ़ गईं, परंतु उन्होंने इसे पूरी लगन और समर्पण के साथ स्वीकार किया.
IPS अधिकारी पति बने प्रेरणा
कंचन सिंह की कहानी में एक और रोचक पहलू यह है कि वह रांची के एसएसपी चंदन कुमार सिंह की पत्नी हैं, जो 2017 बैच के IPS अधिकारी हैं. उनके परिवार में पहले से ही रक्षा और सेवा का जुनून था, जिसे कंचन सिंह ने अपने संघर्षपूर्ण करियर के माध्यम से जीवित रखा. उनके पति की मौजूदगी ने उनके लिए और भी प्रेरणा का स्रोत प्रदान किया, जिससे उन्होंने अपने पिता के अधूरे सपनों को साकार करने का संकल्प लिया. कंचन सिंह की सफलता से न केवल उनके परिवार के अधूरे सपनों को पूरा किया, बल्कि वह समाज में एक मिसाल बन गई हैं.