IPS officer Sindhu Sarma: उमामहेश्वर ने 1985 में पुलिस विभाग में सब-इंस्पेक्टर के रूप में अपना करियर शुरू किया, जबकि उनकी बेटी सिंधु 2014 में आईपीएस अधिकारी बनीं.
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Police Officer Success Story: एक माता-पिता के लिए, उनकी संतानों को अच्छा और समृद्ध देखकर अपार खुशी मिलती है. यह एक बाप-बेटी की जोड़ी की कहानी है जो आपके चेहरे पर मुस्कान छोड़ जाएगी.
तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की जनसभा में पुलिस उपायुक्त ए आर उमामहेश्वर सरमा ड्यूटी पर थे. उसी जगह पर जगित्याल जिले की पुलिस अधीक्षक सिंधु सरमा भी थीं. सिंधु प्रोग्राम में एकत्रित महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभारी थीं. आईपीएस सिंधु सरमा एक भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी हैं, जिन्होंने 2014 में यूपीएससी की परीक्षा पास की थी. वह तेलंगाना कैडर की अधिकारी हैं.
उमामहेश्वर ने कहा, "वह मेरी सीनियर अधिकारी हैं. जब मैं उसे काम पर देखता हूं, तो मैं उसे सलाम करता हूं. एक बार जब हम अपने घर में एंटर करते हैं, तो हम पिता और बेटी की अपनी भूमिकाओं में आ जाते हैं. हमने कभी काम पर घर से जुड़े काम से संबंधित विषयों पर चर्चा नहीं की. यह पहली बार है जब हम अपनी ड्यूटी करते हुए एक साथ आए हैं. ड्यूटी और घर पर हमारा रिश्ता बिल्कुल अलग है. मुझे सबसे ज्यादा खुशी तब हुई जब सिंधु ने ग्रेजुएशन के बाद सर्विस में करियर बनाने का फैसला किया."
उमामहेश्वर ने 1985 में पुलिस विभाग में सब-इंस्पेक्टर के रूप में अपना करियर शुरू किया, जबकि उनकी बेटी सिंधु 2014 में आईपीएस अधिकारी बनीं. उनकी चार साल की सेवा में, यह पहली बार था जब पिता और बेटी दोनों एक ही स्थान पर तैनात थे. उमामहेश्वर के लिए यह निश्चित रूप से एक ऐसी मैमोरी है जिसे वह अपने पूरे जीवन के लिए संजोकर रखेंगे.
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