IAS Vishakha Yadav: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सर्विस परीक्षा (Civil Service Exam) देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. इस एग्जाम को पास करने के लिए कैंडिडेट्स को दिन रात मेहनत करनी पड़ती है. लाखों स्टूडेंट्स हर साल इस एग्जाम में सपना लिए शामिल होते हैं लेकिन कुछ के ही हाथ सफलता लगती है.
इन्हीं में से एक हैं दिल्ली की विशाखा यादव (Vishakha Yadav), जिन्होंने पहले दो प्रयास में प्रीलिम्स में भी सफलता नहीं पाई लेकिन तीसरे प्रयास में ऑल इंडिया टॉपर बन गईं.
विशाखा यादव (Vishakha Yadav) दिल्ली के द्वारका की रहने वाली हैं और उनकी पूरी स्कूलिंग दिल्ली से ही हुई. विशाखा बचपन से ही पढ़ने में काफी अच्छी थीं और दसवीं के अलावा बारहवीं में भी डिस्टिंक्शन नंबर हासिल किया था.
12वीं के बाद उन्होंने दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. विशाखा कॉलेज से ही प्लेसमेंट के जरिए सेलेक्ट हो गईं और उनकी सैलरी लाखों में थी.
दो साल नौकरी करने के बाद विशाखा यादव (Vishakha Yadav) को लगा कि ये उनकी मंजिल नहीं है और उन्होंने सिविल सेवा एग्जाम (Civil Service Exam) की तैयारी करने का फैसला किया. इसमें उनके परिवार ने भी उनका पूरा साथ दिया.
नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला विशाखा यादव (Vishakha Yadav) के लिए काफी मुश्किल साबित हुआ, क्योंकि पहले दो प्रयासों में वह प्रीलिम्स परीक्षा भी पास नहीं कर सकीं. हालांकि लगातार दो असफलता के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और तीसरे प्रयास के लिए तैयारी शुरू कर दी.
विशाखा यादव (Vishakha Yadav) ने पहले दो अटेम्प्ट की गलतियों को सुधारकर कड़ी मेहनत की और बेहतर रणनीति से सफलता हासिल की. विशाखा ने तीसरे प्रयास में सिविल सेवा एग्जाम (Civil Service Exam) में ऑल इंडिया में छठी रैंक हासिल की और आईएएस अफसर बनने में सफल रहीं.
विशाखा यादव (Vishakha Yadav) ने कहा कि सिविल सेवा की तैयारी करने के लिए रोजाना 6 से 8 घंटे लगातार पढ़ाई करना जरूरी है. इसके अलावा कई किताबों को पढ़ने के बजाय कुछ सीमित किताबों पर फोकस करना फायदेमंद साबित होता है.
पढ़ने के साथ ही उत्तर लिखने का अभ्यास करें, अपनी गलतियों को समझें और उन्हें लगातार सुधारते हुए हर दिन बेहतर करने पर ध्यान दें.
अपनी असफलताओं पर बात करते हुए विशाखा यादव (Vishakha Yadav) बताती हैं कि पहले दो अटेम्प्ट में रिसोर्स ज्यादा रखने की वजह से ठीक से रिवीजन नहीं कर पाईं और साथ ही कम टेस्ट सीरीज ज्वॉइन करने का भी नुकसान हुआ.
वह कहती हैं कि उन्होंने परीक्षा के पहले बहुत कम मॉक टेस्ट दिए थे और इस वजह से प्रैक्टिस उनकी नहीं हो पाई, जितनी होनी चाहिए थी.
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