Most Beautiful Maharani of Baroda Radhikaraje Gaekwad:उनकी सादगी इतनी ही नहीं है. बड़ौदा की महारानी बनने से पहले वे वांकानेर के शाही परिवार की राजकुमारी भी थी, लेकिन न तो उनके नखरे राजकुमारियों वाले थे न ही लाइफस्टाइल.
Maharaji of Baroda Radhikaraje Gaekwad: अगर नाम के आगे 'महारानी' हो, रहने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा महल हो, सोने-चांदी के बर्तनों में खाना खाते हो तो यकीकन आप सोचेंगे कि क्या आलीशान जिंदगी है. भारत में ऐसे कई शाही परिवार हैं, जो ठाठ-बाट से अपनी जिंदगी जीते हैं. राज परिवार के शान-शौकत को आपने फिल्मों में देखा हो. महारानी का नाम सुनते हैं एक छवि बनती है, जो भारी भरकम पहनावे और लाखों-करोड़ों की जूलरी से लदी हो, लेकिन आज जिस राजपरिवार और महारानी के बारे में हम बताने जा रहे हैं वो काफी अलग है. देश की खूबसूरत महारानी का ताज हासिल करने वाली बड़ौदा की महारानी राधिकाराजे गायकवाड़ (Radhikaraje Gaekwad) शाही परिवार की चमक-धमक के पीछे बहुत ही सिंपल जिंदगी जीती हैं. पढ़ें- ₹4500 करोड़ महल में रहती हैं ये खूबसूरत राजकुमारी...घर में 400 कमरे, 560 किलो सोने की दीवार और चांदी की ट्रेन,करोड़ों की मालकिन जीती है आम आदमी वाली लाइफ
बड़ौदा की महारानी राधिकाराजे गायकवाड़ के पास न तो धन-दौलत की कमी है न ही साड़ियों की, लेकिन जब वो कोलकाता में डिजाइनर सब्यासाची के फंक्शन में 100 साल पुरानी पैठनी साड़ी पहनकर पहुंचीं तो सब उसकी सादगी के कायल हो गए. जितनी वो खूबसूरत हैं उतनी ही सिंपल.बिना दिखाने वाली जिंदगी जीने वाली महारानी राधिकाराजे सालों से भारतीय संस्कृति और राज परिवार की विरासत को सहेजने के लिए काम कर रही हैं.
उनकी सादगी इतनी ही नहीं है. बड़ौदा की महारानी बनने से पहले वे वांकानेर के शाही परिवार की राजकुमारी भी थी, लेकिन न तो उनके नखरे राजकुमारियों वाले थे न ही लाइफस्टाइल. ह्यूमन ऑफ बॉम्बे को दिए एक इंटरव्यू में राधिकाराजे ने कहा था कि वो महारानी है, इसका मतलब ये नहीं कि उनकी जिंदगी किसी भी मायने में औरों से अलग है. उनके पिता डॉ रंजीत सिंह ने भी शाही परिवार का रौब छोड़कर IAS अधिकारी बनने का राह चुना, राधिका भी उनके रास्ते पर ही चलीं.
बड़ौदा की महारानी राधिकाराजे अपनी साधरण व्यवहार के लिए जानी जाती हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में पढ़ाई से पढ़ाई करने वाली राधिकाराजे से कभी अपने साथियों से ये पता नहीं चलने दिया कि वो किसी विरासत की राजकुमारी हैं. डीयू के लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन और फिर मध्यकालीन भारतीय इतिहास में पीजी करने वाली राधिकाराजे कॉलेज आने-जाने के लिए DTC बसों से सफर करती थीं.
राधिकाराजे से राज परिवार के शाही रवैये के कभी अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया. उनके दोस्तों को भी नहीं पता था कि वो राजकुमारी हैं. पढ़ाई लपूरी करने के बाद उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस में जर्नलिस्ट की नौकरी की. आम लोगों की तरह वो 9 से 5 की नौकरी करती थी. ऐसा भी नहीं था कि उन्हें भारी भरकम सैलरी मिलती हो. वो सिर्फ 20 साल की थी तब उन्हें पत्रकार के तौर पर इंडियन एक्सप्रेस में नौकरी मिल गई. पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने मास्टर की डिग्री हासिल की.
आम तौर पर राज परिवार में लोग नौकरी नहीं करते. राधिका के परिवार में तो 21 साल की उम्र में उनके भाई-बहनों की शादी तक हो गई थी. वो परिवार की पहली महिला थी, जिन्होंने प्राइवेट नौकरी की. करीब 3 साल पत्रकार के तौर पर नौकरनी करने के बाद उनकी शादी साल 2000 में बड़ौदा के राजकुमार समरजीत गायकवाड़ से हुई.
राधिकाराजे शादी के बाद बड़ौदा के महाराजा समरजीत गायकवाड़ के साथ दुनिया के सबसे बड़े निजी निवास लक्ष्मी विलास पैलेस में रहने लगीं.लेकिन इसके बाद भी उनका एक सपना अधूरा था. राधिका विदेश की डिग्री चाहती थीं. शादी के बाद महाराज के सपोर्ट से उन्हें अपना सपना पूरा करने का मौका मिला. उन्हें आर्ट और कल्चर के काम के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट लंदन ने ऑनरेरी डॉक्टरेट औफ ऑर्ट्स की डिग्री दी है.
भारत ही नहीं दुनिया के सबसे बड़े निजी आवास का खिताब वडोदरा के 'लक्ष्मी विलास पैलेस' या बड़ौदा पैलेस के नाम है. ये महल गायकवाड़ राजघराने का महल है. वडोदरा का लक्ष्मी विलास पैलेस (Laxmi Vilas Palace) दुनिया का सबसे बड़ा निजी आवास हैं. गायकवाड़ परिवार इस महल का मालिक है. रॉयल फैमिली के मुखिया समरजीत सिंह गायकवाड़ अपनी पत्नी राधिकाराजे गायकवाड़ और परिवार के साथ इस महल में रहते हैं.
साल 2013 से वो अपने परिवार के साथ इसी महल में रहते हैं. साल 1875 में बड़ौदा रियासत के महाराजा सयाजीराव ने बड़ौदा में लक्ष्मी विलास पैलेस (Laxmi Vilas Palace) बनवाया था, जिसे दुनिया के सबसे महंगे और लग्जरी महलों में गिना जाता है. 700 एकड़ में फैला यह घर इतना बड़ा है कि इसमें 4 बकिंघम पैलेस समा सकते हैं.
लक्ष्मी विलास पैलेस रॉयल फैमिली ऑफ बड़ौदा यानी रॉयल गायकवाड़ परिवार का घर है. महल के एक हिस्से में रॉयल फैमिली रहती हैं तो वहीं एक हिस्से को संग्राहालय बना दिया गया है, ताकि आम लोग भी आकर राजमहल को देख सकें
हाउसिंग डॉट कॉम के मुताबिक लक्ष्मी विलास दुनिया के सबसे बड़े निजी आवास में शामिल है. 3,04,92,000 वर्ग फुट में फैला इस महल में पैलेस के अलावा, गार्डन एरिया, गोल्फ कोर्स शामिल है. महल में 170 कमरे हैं.
महाराजा सायाजीराव गायकवाड़ ने 1886 में बनी पहली मर्सिडीज बेंच पेटेंट मोटरवैगन खरीदी थी. रॉयल फैमिली के पास 1934 की रॉल्स रॉयस, 1948 की बेंटले मार्क VI और 1937 की रॉल्स रॉयस फैंटम III भी है.
यह महल 3,04,92,000 वर्ग फुट है में फैला है. इसे बनाने में 12 साल लग गए थे. महल का डिजाइन चार्ल्स फेलो चिशोल्म ने किया. महल में 170 कमरों के अलावा विशाल गार्डन, हॉर्स राइडिंग पैलेस , स्विमिंग पूल, गोल्फ कोर्स से लेकर तमाम सुविधाएं हैं. इस महल को बनाने में 18 हजार ग्रेट ब्रिटेन पाउंड लगे थे. आज ये देश का सबसे महंगा घर है.
समरजीत सिंह गायकवाड़ महाराजा रणजीत सिंह प्रतापसिंह गायकवाड़ और शुभांगिनीराजे के एकलौते बेटे हैं. समरजीत सिंह गायकवाड़ पूर्व क्रिकेटर भी रह चुके हैं. पिता के निधन के बाद समरजीत सिंह गायकवाड़ को महाराजा बने. उनकी गिनती सबसे अमीर क्रिकेटर के दौर पर होती है. उन्होंने रणजी ट्रॉफी में बड़ौदा को रिप्रजेंट किया था. छह फर्स्ट क्लास मैच खेले और बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के तौर पर काम भी किया
राधिकाराजे ने एक इंटरव्यू में खुद कहा था कि कभी-कभी लोग खुद मान लेते हैं कि महारानी का मतलब सिर्फ ताज पहनना है, लेकिन हकीकत चमक-धमक से कोसों दूर है. जिस सादगी के साथ वो अपनी जिंदगी जीती हैं वो अपनी दोनों बेटियों को भी उसी सादगी से बड़ी कर रही हैं.
गायकवाड़ परिवार के पास राजा रवि वर्मा की कई पेंटिंग विरासत में है. सोने और चांदी के आभूषणों के अलावा गुजरात और वाराणसी में 17 मंदिरों के ट्रस्ट का प्रबंधन भी गायकवाड़ परिवार के पास है. कई राज्यों में उनके पास संपत्ति है.
इस महल की कीमत 2,43,93,60,00,000 रुपये के करीब है. बता दें ये कीमत रियल एस्टेट के हिसाब से अनुमानित कीमत है. अगर समरजीत सिंह की संपत्ति की बात करें को उनका नेटवर्थ 20000 करोड़ रुपये है. देशभर में गायकवाड़ परिवार की कई संपत्तियां है.
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