PM Modi Washington Visit: ट्रेड वार के डर के बीच भारतीय शेयर बाजार में पिछले छह दिन से गिरावट देखी जा रही थी. लेकिन गुरुवार को बाजार में तेजी देखी गई. इसे भारत सरकार के प्लान का असर माना जा रहा है.
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Donald Trump Tariff War: उम्मीद की जा रही है प्रधानमंत्री मोदी के वाशिंगटन पहुंचने के साथ भारत सरकार ने भी ‘ट्रंप टैरिफ’ का तोड़ निकाल लिया है. भारत सरकार अगर यह कदम उठाती है तो आने वाले समय में गिरावट से जूझ रहे शेयर बाजार में फिर से तेजी आ सकती है. सरकार ट्रंप और अमेरिका को खुश करने और खुद को टैरिफ वॉर से बचाने के लिए 30 से ज्यादा प्रोडक्ट पर लगने वाली इम्पोर्ट ड्यूटी को कम कर सकती है. सरकार यह कदम उठाती है तो उम्मीद है कि ट्रंप सरकार भारत पर टैरिफ लगाने का प्लान ठंडे बस्ते में डाल सकती है.
टैरिफ कम करने का प्लान कर रहा भारत!
नोमुरा के हवाले से ईटी ने दावा किया है कि भारत 30 से ज्यादा प्रोडक्ट पर लगने वाले टैरिफ कम करने का प्लान कर रहा है. यह अपडेट उसके बाद आया है जिसमें अमेरिकी अधिकारियों और डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को ‘टैरिफ किंग’ का दर्जा दिया था. बाकी देशों के मुकाबले भारत से इम्पोर्ट किये जाने वाले सामान पर ज्यादा टैरिफ लगाता है. ट्रंप की तरफ से पहले ही इशारा किया गया था कि यदि भारत ने टैरिफ की दर को कम नहीं किया तो उसे भी टैरिफ बढ़ाने के बारे में सोचना पड़ेगा. भारत को अमेरिका से डिफेंस से जुड़े सामान और एनर्जी प्रोडक्ट भी खरीदने होंगे.
रक्षा और ऊर्जा वस्तुओं का आयात बढ़ाने का प्लान
यह भी दावा किया गया कि ट्रेड वार के असर से बचने के लिए भारत सरकार अमेरिकी रक्षा और ऊर्जा वस्तुओं का आयात बढ़ाने को लेकर विचार कर रही है. इसके पीछे सरकार का प्लान है कि वाशिंगटन की तरफ से की जाने वाली जवाबी शुल्क में वृद्धि को रोका जा सके. यह काम भारत अमेरिका के साथ ट्रेड वार से बचने के लिए कर रहा है. हालिया बजट में सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा और प्रीमियम बाइक समेत कई वस्तुओं पर आयात शुल्क कम किया है. राजनयिक संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत 100 से ज्यादा अवैध भारतीय प्रवासियों को वापस भेजने के लिए सहमत हो गया है.
ट्रंप ने भारत की व्यापार नीतियों की आलोचना की
रिपोर्ट में कहा गया कि देश सुचारू व्यापार संबंधों को सुनिश्चित करने के लिये लग्जरी कारों और रसायनों पर एक्सट्रा टैरिफ कटौती की संभावना तलाश रहा है. अगर भारत अमेरिकी सामान पर टैरिफ कम नहीं करता तो अमेरिका भारतीय निर्यात के खिलाफ इसी तरह के कदम उठा सकता है. उदाहरण के लिए यदि भारत अमेरिकी ऑटोमोबाइल पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाता है तो वाशिंगटन भारतीय व्हीकील पर इसी तरह का शुल्क लागू कर सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले भारत की व्यापार नीतियों की आलोचना कर चुके हैं. वह 'पारस्परिक टैरिफ' (एक-दूसरे पर टैरिफ) के लिए जोर दे रहे हैं.
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा एक्सपोर्ट डेस्टीनेशन
भारत की तरफ से अमेरिका को काफी मात्रा में निर्यात किया जाता है. अमेरिका भारत का सबसे बड़ा एक्सपोर्ट डेस्टीनेशन है. कुल निर्यात का करीब 18 प्रतिशत हिस्से की खपत अमेरिका में है. भारत की तरफ से अमेरिका को औद्योगिक मशीनरी, रत्न और आभूषण, फार्मास्यूटिकल्स, ईंधन, लोहा और इस्पात, कपड़ा, वाहन और रसायन आदि का निर्यात किया जाता है. यदि अमेरिका की तरफ से भारत के निर्यात पर टैरिफ लगाया जाता है तो भारतीय सामान की अमेरिका में होने वाली खपत में गिरावट आएगी. इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर दिखाई देगा.
चीन समेत कई देश अमेरिका को जवाब देने के मूड में
चीन, यूरोपीय यूनियन समेत कई देश अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी का जवाब देने के मूड में हैं. लेकिन भारत का रुख इससे एकदम अलग है. भारत सरकार इम्पोर्ट पर लगने वाले टैरिफ को कम करके अमेरिका के साथ टैरिफ वॉर से अलग रखने के मूड में है. इसका सीधा फायदा भारतीय शेयर बाजार और भारतीय रुपये को मिलेगा. दोनों देशों निवेशकों के बीच टैरिफ वॉर से जुड़ी आशंकाएं कम होने से विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा. इसका असर यह होगा कि भारत को दूसरी जगहों पर भी फायदा मिलेगा. इसके असर से शेयर बाजार में पॉजिटिव सेंटीमेंट बनने में मदद मिलेगी.
पिछले छह दिन में शेयर बाजार में घटे 18 लाख करोड़
शेयर बाजार के निवेशकों को पिछले छह दिन में भारी नुकसान हुआ है. एफआईआई ट्रेड वार के डर से बाजार से लगातार पैसा निकाल रहे हैं. ट्रेड वार की चिंता के बीच बीएसई सेंसेक्स छह दिन में 3 प्रतिशत टूटा गया है. 30 शेयर पर बेस्ड बीएसई सूचकांक 4 फरवरी से लेकर 12 फरवरी तक 2,412.73 अंक टूट गया. इस दौरान बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 18,04,418 करोड़ रुपये घटकर 4,07,46,408.11 करोड़ रुपये रह गया. गुरुवार दोपहर के समय सेंसेक्स 447.58 अंक की तेजी के साथ 76,618 अंक पर और निफ्टी सूचकांक 36.65 अंक चढ़कर 23,081 अंक पर पहुंच गया.