">एलन मस्क का आदेश, ट्रंप की हां से 100 देशों में मचा हाहाकार, DOGE और USAID के बीच जंग क्यों?
DOGE vs USAID: अमेरिका में ट्रंप और मस्क की जोड़ी ने ऐसा आदेश दिया है, जिसके बाद पूरी दुनिया में हाहाकार मच गया है. ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) को बंद करने की ही ठान ली है. तो आइए जानते हैं आखिर करीब 100 देशों में काम कर रही इस संगठन को अब बंद क्यों किया जा रहा? DOGE का इस मामले में क्या भूमिका है.
Trending Photos
USAID shut down: अमेरिका में टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की जब ट्रंप सरकार में एंट्री हुई तभी से सभी को लग रहा था आने वाले दिनों में अब कुछ न कुछ बड़ा होता रहेगा. सभी का यह शक भी सही निकला. 20 जनवरी को राष्ट्रपति ट्रंप ने शपथ लिया और 15 दिनों के अंदर देश की सबसे खास मानी जाने संगठन को बंद करने का प्लान बना लिया. डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क की जोड़ी के इस तहलके से पूरी दुनिया हैरान है. ट्रंप की टैरिफ नीति से दुनियाभर के देशों की चिंताए तो पहले से ही बढ़ी हुई हैं. अब अमेरिका में सरकारी खर्च पर एलन मस्क के एक्शन से खलबली मची है. जानें पूरा मामला.
यूएसएआईडी को बंद करने का प्लान?
एलन मस्क ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बात पर सहमति जताई है जिसमें कहा गया कि यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) को 'बंद' किया जाना चाहिए. एजेंसी को लेकर तभी से अटकलें लगाई जा रही थीं जब इसकी फंडिंग पर रोक लगा दी गई और इसके दर्जनों कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया. ताजा जानकारी के अनुसार, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो को यूएसएआईडी का अंतरिम प्रशासक नियुक्त किया गया है.
3 फरवरी को एलन मस्क की घोषणा
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, 3 फरवरी, 2025 को एलन मस्क ने घोषणा की कि वे और ट्रंप USAID को स्थायी रूप से बंद करने की प्रक्रिया में हैं. कर्मचारियों ने पहले ही CNN को बताया कि उन्हें ऑफिस के अंदर न आने के लिए कहा गया था. इसके लिए बकायदा एक मेल जारी हुआ था "एजेंसी नेतृत्व के निर्देश पर, वाशिंगटन, डी.सी. में रोनाल्ड रीगन बिल्डिंग में USAID मुख्यालय सोमवार, 3 फरवरी, 2025 को एजेंसी कर्मियों के लिए बंद रहेगा. सामान्य रूप से USAID मुख्यालय में काम करने के लिए नियुक्त एजेंसी कर्मी कल दूर से काम करेंगे, सिवाय उन कर्मियों के जो आवश्यक ऑन-साइट और बिल्डिंग रखरखाव कार्यों के लिए वरिष्ठ नेतृत्व द्वारा व्यक्तिगत रूप से संपर्क किए जाते हैं."
अब जानें क्या है USAID?
1961 में राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी के प्रशासन के दौरान USAID की स्थापना की गई थी. इसका मुख्य काम गरीबी को कम करने, बीमारियों का इलाज करने, अकाल और प्राकृतिक आपदाओं में राहत और मदद के लिए है, इसकी पूरी दुनिया में शाखा है. दुनिया भर में सालाना अरबों डॉलर इसके जरिए खर्च होते हैं.यह गैर-सरकारी संगठनों, स्वतंत्र मीडिया और सामाजिक पहलों का समर्थन करके लोकतंत्र निर्माण और विकास को भी बढ़ावा देती रही है. अधिकारियों का कहना है कि यूएसएआईडी दुनिया भर के समुदायों के साथ संबंधों को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका का एक प्रमुख सॉफ्ट पावर टूल है. इसे अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा को तीन डी स्तंभों के साथ देखा जाता है: रक्षा, कूटनीति और विकास, जिनका नेतृत्व क्रमशः रक्षा विभाग, विदेश विभाग और यूएसएआईडी की ओर से किया जाता है. लेकिन अब इसे बंद करने का प्लान बनाया जा रहा है.
क्या है डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE)?
ट्रंप का फोकस सरकारी एजेंसियों के फिजूलखर्ची की पर लगाम लगाना और गड़बड़ियों को उजाकर करना है. डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी यानी DOGE यही काम करेगा. आसान भाषा में समझें तो इसे एक आयोग कह सकते हैं, जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रपति करेंगे. नवंबर में ट्रंप ने कहा था कि यह समूह बाहरी तौर पर सलाह देगा क्योंकि यह वाइट हाउस के बजट अधिकारियों के साथ मिलकर काम करता है. हालांकि, अब राष्ट्रपति के हालिया आदेश से यह समूह अमेरिकी सरकार का हिस्सा बन गया है. जिसके लीडर एलन मस्क हैं.
एलन मस्क के निशान पर USAID क्यों?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मस्क के USAID को बंद करने का इरादा तब दुनिया के सामने आया जब यूएसएआईडी के दो शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को शनिवार रात प्रशासनिक अवकाश पर भेजे जाने के बाद आई थी. दोनों अधिकारियों ने सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) के सदस्यों को एजेंसी के सिस्टम तक पहुंच देने से मना कर दिया था, जबकि डीओजीई कर्मियों ने कानून प्रवर्तन को बुलाने की धमकी दी थी. हालांकि डीओजीई कर्मफाइलों तक पहुंचने में कामयाब रहे. इस घटना पर एक्स पर प्रतिक्रिया देते हुए मस्क ने यूएसएआईडी को एक आपराधिक संगठन बताया. उन्होंने कहा कि इसके खत्म होने का समय आ गया है. मस्क ने आरोप लगाया कि इस एजेंसी को "कट्टरपंथी पागलों द्वारा संचालित" किया जाता है. मस्क का बहुत सरल मानना है 'USAID शीत युद्ध के एक फूले हुए अवशेष के रूप में देखते हैं, विदेशी हस्तक्षेप के लिए एक महंगा उपकरण जो मानवीय सहायता के रूप में प्रच्छन्न है. मस्क के लिए, यह जीवन बचाने के बारे में नहीं है; यह करदाताओं के पैसे बचाने और अमेरिका को अंतहीन हेरफेर से सीमित करने के बारे में है.