Brain AVM: दिमाग की नसों में क्यों आती है सूजन? नस फटने से पहले मिलते हैं ये 5 चेतावनी संकेत
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Brain AVM: दिमाग की नसों में क्यों आती है सूजन? नस फटने से पहले मिलते हैं ये 5 चेतावनी संकेत

ब्रेन एवीएम एक बीमारी है, जिसमें धमनियां व नसें कमजोर पड़ जाती है. दिमाग में नस फटने से स्ट्रोक पड़ सकता है इससे दिमाग में नस फटने से स्ट्रोक पड़ सकता है और व्यक्ति की मौत हो सकती है.

Brain AVM: दिमाग की नसों में क्यों आती है सूजन? नस फटने से पहले मिलते हैं ये 5 चेतावनी संकेत

Brain AVM (arteriovenous malformation): ब्रेन एवीएम (आर्टिरियोवेनस मैलफॉर्मेशन) एक दुर्लभ बीमारी है जहां दिमाग में असामान्य ब्लड वेसेल्स की उलझन बन जाती है, यानी की धमनियों और नसों कनेक्शन गलत हो जाता है, जिससे दिमाग में ब्लड वेसेल्स में सूजन आ जाती है. इसका असर शरीर के कई अंगों में भी हो सकता है और संभावित पीड़ित व्यक्ति की जान भी जा सकती है.

आपको बता दें कि धमनियों का मुख्य काम खान के साथ ऑक्सीजन को दिल से दिमाग तक पहुंचाना होता है, वहीं, नसें ऑक्सीजन रहित ब्लड को दिल और फेफड़ों तक लाती हैं. जब ब्रेन एवीएम इस प्रक्रिया को प्रभावित करता है, तो आसपास के टिशू को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है, जिससे धमनियां व नसें कमजोर पड़ जाती है. इससे दिमाग में नस फटने से स्ट्रोक पड़ सकता है और व्यक्ति की मौत हो सकती है. हालांकि, डॉक्टर कहते हैं कि इस बीमारी का सही वक्त पर पता चल जाए तो पीड़ित व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है.

ब्रेन एवीएम के चेतावनी संकेत

  • गंभीर सिरदर्द
  • दौरे पड़ना या मिर्गी का असर
  • नजरों का कमजोर होना
  • अंगों में कमजोरी या सुन्नता
  • बोलने या समझने में कठिनाई

ब्रेन एवीएम का डायग्नोसिस और इलाज
ब्रेन एवीएम के डायग्नोसिस में आमतौर पर इमेजिंग टेस्ट और न्यूरोलॉजिकल परीक्षाएं का संयोजन शामिल होता है. इमेजिंग टेस्ट में शामिल हो सकते हैं-

  • एमआरआई (चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग)
  • सीटी (कंप्यूटेड टोमोग्राफी) स्कैन
  • सेरेब्रल एंजियोग्राफी

सेरेब्रल एंजियोग्राफी एक विशेष इमेजिंग टेस्ट है जिसमें एवीएम के माध्यम से रक्त फ्लो की विस्तृत छवियों का निर्माण करने के लिए दिमाग की ब्लड वेसेल्स में डाई इंजेक्ट करना शामिल है.

ब्रेन एवीएम के डायग्नोसिस के बाद ये हो सकते हैं उपचार के विकल्प

ऑब्जर्वेशन और मॉनिटरिंग: यदि एवीएम छोटा है और कोई लक्षण नहीं पैदा कर रहा है, तो किसी भी बदलाव को देखने के लिए नियमित इमेजिंग टेस्ट से इसकी निगरानी की जा सकती है.

एंडोवस्कुलर एम्बोलिजेशन: इस प्रक्रिया में एवीएम की ब्लड वेसेल्स में एक पदार्थ को इंजेक्ट करने के लिए कैथेटर का उपयोग करना शामिल है, जिससे वे थक्का जमाते हैं और प्रभावी रूप से एवीएम को बंद कर देते हैं.

सर्जिकल शोधन: इसमें मस्तिष्क से एवीएम को सर्जरी के जरिए हटाया जाता है. यह आम तौर पर केवल बड़े एवीएम के लिए किया जाता है जो महत्वपूर्ण लक्षण पैदा कर रहे हैं या ब्लीडिंग का ज्यादा खतरा है.

स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी: इसमें एवीएम को नुकसान पहुंचाने और अंततः इसे नष्ट करने के लिए उच्च-खुराक रेडिएशन देना शामिल है. यह एक गैर-इनवेसिव प्रक्रिया है जो आम तौर पर छोटे एवीएम के लिए आरक्षित होती है जो कि सर्जरी तक पहुंचने में मुश्किल होती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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