कोरोना से ठीक हुए लोगों को क्या सच में है हार्ट अटैक और स्ट्रोक का दोगुना खतरा? लेटेस्ट स्टडी में वैज्ञानिकों का चौंकाने वाला खुलासा!
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कोरोना से ठीक हुए लोगों को क्या सच में है हार्ट अटैक और स्ट्रोक का दोगुना खतरा? लेटेस्ट स्टडी में वैज्ञानिकों का चौंकाने वाला खुलासा!

कोरोना वायरस के संक्रमण ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था, और अब इसके लंबे समय तक होने वाले प्रभावों को लेकर नई चिंताएं उभर रही हैं. आइए जानते हैं कि लेटेस्ट स्टडी क्या कहती है?

कोरोना से ठीक हुए लोगों को क्या सच में है हार्ट अटैक और स्ट्रोक का दोगुना खतरा? लेटेस्ट स्टडी में वैज्ञानिकों का चौंकाने वाला खुलासा!

कोरोना वायरस के संक्रमण ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था, और अब इसके लंबे समय तक होने वाले प्रभावों को लेकर नई चिंताएं उभर रही हैं. हाल ही में प्रकाशित एक स्टडी में वैज्ञानिकों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि जो लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं, उन्हें हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा दोगुना हो सकता है. इस स्टडी को अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा किया गया और इसे पिछले हफ्ते प्रकाशित किया गया.

अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा पिछले सप्ताह प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में 10 हजार लोगों पर शोध किया गया, जिन्होंने कोरोना की पहली लहर में संक्रमण झेला था. इन लोगों का तीन साल तक ट्रैक किया गया और पाया गया कि जो लोग कोरोना से संक्रमित हुए थे, उनमें हार्ट अटैक, स्ट्रोक या मृत्यु का खतरा दोगुना था, जबकि जिनका संक्रमण इतना गंभीर था कि उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, उनमें यह खतरा चार गुना तक बढ़ गया.

क्या यह खतरा सिर्फ उन लोगों के लिए है जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली?
हालांकि, यह स्टडी उस समय की है जब कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध नहीं थी. लेकिन फिर भी, विशेषज्ञों के बीच इस बात को लेकर गंभीर चिंता है कि वैक्सीन के बाद भी कोरोना के लंबे समय तक होने वाले प्रभाव शरीर पर क्या होंगे. यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग की प्रोफेसर एंजेला क्लर्क के अनुसार, 'दिल खुद को रिपेयर नहीं कर सकता, इसलिए एक बार हो चुके नुकसान को ठीक करना लगभग असंभव है.' उन्होंने यह भी कहा कि दिल एक मजबूत अंग है, जो तब तक कोई संकेत नहीं देता जब तक कि उसकी स्थिति बहुत खराब न हो जाए.

कोरोना दिल को कैसे प्रभावित कर सकता है?
कोरोना वायरस दिल पर कई तरह से असर डाल सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह वायरस ब्लड क्लॉटिंग यानी खून के थक्के बनने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है. इसके अलावा, कुछ मामलों में मायोकार्डिटिस यानी दिल की सूजन भी देखी गई है, जो हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा सकती है.

कैसे रखें अपने दिल का ख्याल?
हालांकि, ज्यादातर कोरोना संक्रमण के मामले हल्के होते हैं और उनमें लंबे समय तक होने वाले कोई समस्या नहीं होती. लेकिन दिल को हेल्दी रखने के लिए प्रोफेसर क्लर्क ने एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि आपके पास एक ही दिल है जो आपके जीवनकाल तक काम करना चाहिए, इसलिए इसकी देखभाल करना बेहद जरूरी है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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