Agnipath Scheme के खिलाफ सभी याचिकाएं खारिज, HC ने कहा- राष्ट्रहित में है योजना
Advertisement
trendingNow11588319

Agnipath Scheme के खिलाफ सभी याचिकाएं खारिज, HC ने कहा- राष्ट्रहित में है योजना

Agnipath Scheme Recruitment: अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) पर केंद्र सरकार को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi HC) की तरफ से राहत मिली है. दिल्ली हाई कोर्ट ने अग्निपथ स्कीम को राष्ट्रहित में बताया है.

Agnipath Scheme के खिलाफ सभी याचिकाएं खारिज, HC ने कहा- राष्ट्रहित में है योजना

Agnipath Scheme Latest News: दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi HC) ने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओं को खारिज किया. कोर्ट ने कहा कि ये स्कीम राष्ट्र हित में और सेना को बेहतर बनाने के लिए लाई गई है. इसमें कोर्ट के दखल का कोई औचित्य नहीं बनता. कोर्ट ने उन याचिकाओं को भी खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि जो लोग पहले से सैन्य बलों की नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं, उनके ऊपर यह योजना लागू नहीं की जानी चाहिए. केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल जवाब में कहा था कि अग्निपथ स्कीम आर्म्ड फोर्सेज की भर्ती प्रकिया में एक क्रांतिकारी बदलाव है. बदलती सैन्य जरूरतों के मुताबिक देश के सुरक्षा तंत्र को और मजबूत, अभेद बनाने के लिए इस स्कीम को लाया गया है.

सरकार का पक्ष

केंद्र सरकार ने कहा था कि देश के आंतरिक और बाहरी खतरों के मद्देनजर युवा, चुस्त और तकनीकी रूप से दक्ष आर्म्ड फोर्सेज वक्त की जरूरत है. अग्निपथ योजना के सहारे तीनों सेनाओं का स्वरूप अधिक युवा होगा ओर सैनिकों की औसत उम्र 32 साल से घटकर 26 साल तक पहुंच जाएगी.

'कोर्ट के दखल का औचित्य नहीं'

सरकार का ये कहना था कि दूसरी सरकारी नौकरियों की तुलना में सैन्यबलों में भर्ती प्रकिया का मसला अलग है. राष्ट्र की सुरक्षा, अखंडता सुनिश्चित करने के मद्देनजर आर्म्ड फोर्सेज में भर्ती प्रकिया के बारे में फैसला लेना या बदलाव करना सरकार का नीतिगत मसला है और कोर्ट को इसमें दखल नहीं देना चाहिए. इस स्कीम को जल्दबाजी में नहीं लागू किया है. तमाम स्टेकहोल्डर्स से व्यापक विचार-विमर्श के बाद इसे लागू किया गया है.

कोर्ट के सवाल, सरकार का जवाब

सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि उन 75 फीसदी युवाओं को लेकर सरकार के पास क्या प्लान है, जो अग्निवीर के तौर पर चार साल तक सेवा देने के बाद सेना में भर्ती नहीं हो पाएंगे. कोर्ट का कहना था कि ये वो लोग होंगे जो हथियार चलाने में तो दक्ष होंगे लेकिन चार साल बाद बेरोजगार हो जाएंगे! इसके जवाब में केंद्र सरकार की ओर से ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा था कि अग्निवीरों को सेंट्रल आर्म्ड फोर्सज में 10 फीसदी आरक्षण, रेलवे की नौकरियों में 5 फीसदी और आरपीएफ की नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा. इसके अलावा मिनिस्ट्री ऑफ स्किल डेवलपमेंट के जरिए उन्हें रसोइए, हेयर ड्रेसर और टेलर के रूप में काम करने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी.

हाई कोर्ट ने ये भी पूछा था कि जब एक अग्निवीर सैनिक की तरह ही सेवा दे रहा है तो फिर आखिर उसे सैनिक के मुकाबले कम वेतन देने का क्या औचित्य है. इस पर ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहना था कि अग्निवीर का काम एक सैनिक की तरह नहीं है. दोनों की जिम्मेदारी अलग-अलग है. अग्निवीर बिल्कुल अलग ही कैडर है और उनके भारतीय सशस्त्र बलों के साथ 4 साल के कार्यकाल को आर्मी नेवी या फिर एयरफोर्स में रेगुलर सर्विस के तौर पर नहीं माना जाएगा. 4 साल तक सेवा देने के बाद अगर किसी अग्निवीर को सेना में शामिल किया जाता है तो उसे नई भर्ती के तौर पर ही माना जाएगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि अग्निवीर के तौर पर उसकी ट्रेनिंग बेसिक होती है, जबकि सेना में सैनिक के तौर पर भर्ती होने पर उसकी कहीं ज्यादा बड़ी ट्रेनिंग होती है. सरकार का कहना था कि अगले 10 -15 सालों के बाद सेना में कोई ऐसा सैनिक रहेगा ही नहीं जिसने अग्निवीर के तौर पर सेवाएं नहीं दी हों.

हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news