आरसीपी सिंह ने कहा कि 'पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र जैसे प्रदेशों में मैं अक्सर जाता हूं. उन राज्यों और बिहार में एक बहुत बड़ा फर्क है. ये फर्क माइंडसेट का है.
Trending Photos
पटना: बिहार के पिछड़ेपन और अन्य राज्यों की तुलना में इसके कमतर होने को लेकर अक्सर बहस होती रहती है. इसको लेकर कई बार सियासी तकरार भी हुई है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला है. लेकिन इसका कोई समाधान नहीं निकल सका है. ये बहस किसी निष्कर्ष पर कभी नहीं पहुंच सकी कि बिहार को लेकर दूसरे प्रदेशों में आखिर गलत सोच क्यों बन जाती है. बिहार के लोगों का ये आरोप रहता है कि अन्य प्रदेशों में बिहार को लेकर एक खास किस्म की भावना बन जाती है. बिहारियों की सोच और समझ को लोग कमतर आंकते हैं.
इस बहस को खत्म करने और बिहार को विकास के पैमाने पर बुलंदियों तक पहुंचाने का एक नया फॉर्मूला अब सुझाया गया है. हालांकि इस फॉर्मूले को लेकर भी सियासी बहसबाजी शुरु हो गई है. इस फॉर्मूले के समर्थन में और विरोध में आवाज बुलंद होने लगी है. दरअसल ये फॉर्मूला या फिर ये कहें कि ये सलाह JDU नेता और केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने दी है.
केन्द्र की मोदी सरकार में इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह बिहार से ताल्लुक रखते हैं. अपने पटना दौरे के दौरान उन्होंने बिहार की तरक्की को लेकर अपनी बात रखी. आरसीपी सिंह ने बिहार की तरक्की को लेकर न सिर्फ विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर अपने विचार रखे, बल्कि तरक्की का फॉर्मूला भी बताया.
RCP ने दी युवाओं को स्वावलंबी बनने की सलाह
आरसीपी सिंह ने कहा कि 'पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र जैसे प्रदेशों में मैं अक्सर जाता हूं. उन राज्यों और बिहार में एक बहुत बड़ा फर्क है. ये फर्क माइंडसेट का है. बिहार के युवाओं को अपना माइंडसेट बदलने की जरूरत है. बिहार के युवा हर मामले में सरकार पर निर्भर रहना चाहते हैं. हर मामले में उनको सरकारी मदद की उम्मीद रहती है. पढ़ाई से लेकर हर तरह की सुविधा या फिर नौकरी के मामले में सरकार पर ही यहां के युवा आश्रित रहना चाहते हैं. जबकि दूसरे प्रदेशों में युवाओं ने अपना कारोबार शुरू कर उपलब्धियां अर्जित की हैं. वो सरकार पर निर्भर रहने की जगह स्वावलंबी बनना चाहते हैं. बिहार के युवाओं को अपना बिजनेस करने के लिए कितनी भी सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएं, लेकिन वो सिर्फ सरकारी नौकरी की वैकेंसी का इंतजार करते रहते हैं.'
NDA को भाया आरसीपी का फॉर्मूला
केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के बयान को लेकर जमकर सियासत हो रही है. इसे लेकर सबकी अपनी-अपनी राय है. सत्ताधारी गठबंधन NDA ने इसका खुलकर समर्थन किया है. खुद आरसीपी सिंह की पार्टी JDU ने इसे बेहद तार्किक बयान करार दिया है.
'सभी को नहीं दी जा सकती सरकारी नौकरी'
JDU ने कहा कि 'आरसीपी सिंह ने जो बात कही है, उसके बड़े मायने हैं. ये सच है कि सरकारी नौकरी की एक निश्चित सीमा है. देश के करोड़ों युवाओं को सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती. ये भी सच है कि अन्य प्रदेशों की तुलना में बिहार के युवा सरकारी नौकरी में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं. जबकि अन्य प्रदेश बिहार से ज्यादा तरक्की कर रहे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यही है कि उन प्रदेशों में उद्योग, व्यापार और कारोबार फल-फूल रहा है. उन प्रदेशों के युवा अपना बिजनेस या स्टार्टअप खड़ा कर खुद के साथ-साथ प्रदेश के लिए भी रेवेन्यू जेनरेट कर रहे हैं.'
JDU की सहयोगी BJP ने भी केन्द्रीय मंत्री RCP सिंह के बयान को सही बताया है. BJP का भी मानना है कि जिन देशों ने तरक्की के मामले में दुनिया में उदाहरण पेश किया है वो भी अपने कारोबार को लेकर ही सबसे ज्यादा चर्चित रहे हैं.
आत्मनिर्भर बनाने पर जोर
BJP ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने हमेशा ये कहा है कि 'व्यक्ति आत्मनिर्भर होगा तभी परिवार आत्मनिर्भर होगा, परिवार आत्मनिर्भर होगा तो प्रदेश आत्मनिर्भर होगा, प्रदेश आत्मनिर्भर होगा तभी देश आत्मनिर्भर होगा.'
BJP ने कहा कि 'रोजगार देने का जो वादा NDA सरकार ने किया था वो सिर्फ सरकारी नौकरी से नहीं हो सकता. सरकारी विभागों में पद सीमित संख्या में होते हैं. इसलिए रोजगार हासिल करने की जगह अब हमें रोजगार देने वाला बनना होगा.'
आरसीपी छोड़ मंत्री पद
बिहार के युवाओं को दी गई केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की सलाह बिहार के विपक्षी दलों को नागवार गुजरी है. विपक्ष ने न सिर्फ इस बयान का विरोध किया, बल्कि इसे एक भद्दा मजाक करार दिया. मुख्य विपक्षी दल RJD ने इस बयान पर तीखा हमला बोला. RJD ने कहा कि 'चुनाव के समय NDA में शामिल दलों ने कितने बड़े-बड़े वादे जनता से किए थे. 19 लाख रोजगार देने का वादा किया था. बिहार के युवाओं का भविष्य संवारने का सपना दिखाया था. और जब सरकार बन गई तो तरह-तरह के बहाने बनाने लगे. आरसीपी सिंह खुद तो केंद्रीय मंत्री बनकर सारी सरकारी सुविधाओं के मजे ले रहे हैं और बिहार के बेबस-मजबूर युवाओं को स्वावलंबी बनने का उपदेश दे रहे हैं. अगर इतना ही स्वावलंबी बनने का शौक है तो सबसे पहले आरसीपी सिंह मंत्री पद छोड़कर वापस आएं.'
कांग्रेस ने सरकार को ठहराया जिम्मेदार
विपक्ष की ही एक अन्य पार्टी कांग्रेस ने भी आरसीपी सिंह के बयान पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेस ने कहा कि ये बयान बिहार के युवाओं के साथ धोखा है. उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने और सरकारी भर्तियों का लालच देकर सत्ता में आने के बाद अब सरकार उन्हें धोखा दे रही है. बिहार में सरकार ने पिछले 16 साल में ऐसा माहौल तक नहीं तैयार किया है कि कोई युवा कारोबार की तरफ कदम बढ़ाए. यहां उस तरह का इंफ्रास्ट्रक्टर भी डेवलप नहीं किया गया है. अगर बिहार का यूथ आज खुद के कारोबार के बारे में नहीं सोचता, तो इसके लिए भी ये सरकार ही जिम्मेदार है.'
'मंत्री की बात में है दम'
केन्द्रीय मंत्री के बयान को लेकर सबकी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं हैं. सत्तापक्ष और विपक्ष अपनी-अपनी सहूलियत और सियासत के मुताबिक बयान के मतलब बताने में लगा है. लेकिन एक्सपर्ट्स की राय भी मायने रखती है. एक्सपर्ट्स ने आरसीपी के बयान को दूर की सोच वाला बताया है. मंत्री की सलाह को सही मायने में विकसित प्रदेश बनाने के लिए जरूरी भी करार दिया है. साथ ही साथ मंत्री के साथ बिहार सरकार को सच्चाई से भी रूबरू कराया है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि 'आरसीपी सिंह ने जो बयान दिया है उसे गलत बिल्कुल नहीं ठहराया जा सकता. इस बयान में पूरा दम है कि अगर बिहार को अन्य प्रदेशों की तरह तरक्की के रास्ते पर चलना है तो यहां के कारोबार को बढ़ाना होगा. उद्योग-धंधे यहां लगेंगे और लोगों की व्यापार में रुचि बढ़ेगी तो प्रदेश की आर्थिक उन्नति होगी. किसी भी विकसित देश में सरकारी के साथ निजी क्षेत्र का विकास भी बेहद महत्वपूर्ण होता है. निजी क्षेत्र की मजबूत सहभागिता के बिना एक विकसित प्रदेश या देश की कल्पना नहीं की जा सकती. इसलिए इस्पात मंत्री ने जो कहा वो सही है.'
इसके अलावा विशेषज्ञों ने सरकार को आईना भी दिखाया है. एक्सपर्ट्स ने कहा कि 'ये कह देना बड़ा आसान होता है कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनना चाहिए. युवाओं को अपना कारोबार खड़ा करना चाहिए और रोजगार लेने वाला नहीं, रोजगार देने वाला बनना चाहिए. लेकिन ये कैसे होगा और इसके लिए कैसे युवाओं को प्रेरित करना है, ये जिम्मेदारी भी तो सरकार की ही बनती है. बिहार की हालत ये है कि यहां अगर कोई युवा अपना कारोबार शुरू करे तो उसके उत्पाद के लिए बाजार तक उपलब्ध नहीं होता.
'बाजार उपलब्ध कराने में सरकार नाकाम'
एक्सपर्ट्स ने कहा कि प्रदेश में हम दूसरे प्रदेशों से लाया हुआ समान इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इस प्रदेश में उत्पादित वस्तु के लिए बाजार ही नहीं है. यहां ऐसे कई युवा हैं जिन्होंने अपना कारोबार शुरू करने की हिम्मत दिखाई, लेकिन बाजार न होने की वजह से उन्हें कारोबार बंद करना पड़ा. ये एक कड़वी सच्चाई है कि प्रदेश की सरकार ने ऐसा माहौल ही नहीं बनाया कि कोई अपना बिजनेस शुरू करने का जोखिम उठाए. बैंक से लोन दिलाने का सरकार दावा करती है लेकिन लोन लेने जब लोग जाते हैं तो ऐसी हालत होती है मानों चक्की में पिस गए हों. कारोबार के लिए अच्छा माहौल, अच्छा बाजार, अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर, अच्छा सिस्टम उपलब्ध कराना होगा. अगर ऐसा हुआ तो निश्चित तौर पर बिहार का युवा इस दिशा में आगे कदम बढ़ाने की सोचेगा.'
कुल मिलाकर देखें तो केन्द्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह के बयान को सभी सही जरूर ठहरा रहे हैं, लेकिन ये सलाह भी दे रहे हैं कि इसके लिए सरकार को पूरा सिस्टम सुधारना होगा. अगर युवाओं को इसके लिए जागरूक किया जाए तो निश्चित तौर पर बिहार में व्यापार और उद्योग की अपार संभावनाएं हैं.
ये भी पढ़ें-बिहार में बदलेगा मुख्यमंत्री का चेहरा? नीतीश कुमार को लेकर बीजेपी सांसद ने कही बड़ी बात