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दरभंगा: बिहार सरकार 2016 से प्रदेश में शराबबंदी कानून को लागू कर इसका सख्ती से पालन कराने के लिए तत्पर नजर आ रही है. इसके बाद भी प्रदेश में शराब माफियाओं की कोई कमी नहीं है. शराब की तस्करी से लेकर जहरीली शराब का बेचा जाना तक बिहार में मानो आम बात सी हो गई है. प्रशासन के सख्त रूख के बाद भी बिहार में लगातार जहां जहरीली शराब से मौत के मामले सामने आ रहे हैं, वहीं शराब माफियाओं का हौसला इतना बढ़ा हुआ है कि वह हर दिन नए-नए जुगाड़ के साथ शराब की तस्करी में लगे हुए हैं. आलम यह है कि सरकार के विधायक के भाई के यहां से शराब के कारोबार का भांडा फूटा है.
बिहार के दरभंगा जिले कुशेश्वरस्थान थाना क्षेत्र से पुलिस ने जो शराब की खेप बरामद की वह जदयू के विधायक के चचेरे भाई थे. बता दें कि बिहार में सरकार महागठबंधन की है और सरकार के मुखिया नीतीश कुमार जदयू से ही हैं. ऐसे में सवाल बड़ा यह है कि जब सरकार में बैठी पार्टी के विधायक के चचेर् भाई के घर से इतनी बड़ी शराब की खेप बरामद हो रही है तो फिर बिहार में शराबबंदी सफल कैसे हो सकती है?
बता दें कि पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर जिस शख्स के वाटर प्लांट से इतनी बड़ी मात्रा में शराब बरामद की वह जनता दल यूनाइटेड के विधायक अमन हजारी का चचेरा भाई बताया जा रहा है. उस शराब माफिया की गिरफ्तारी में पुलिस नाकामयाब रही है और वहां मौके पर मौजूद सभी लोग भी फरार बताए जा रहे हैं.
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दरभंगा पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर कुशेश्वरस्थान के जदयू विधायक अमन भूषण हजारी के चचेरे भाई प्रशांत हजारी के वाटर प्लांट पर छापेमारी की, बता दें कि पुलिस को यह सूचना दी गई थी कि यहां बड़ी मात्रा में शराब की खेप आई है. इसके बाद पुलिस ने जब उक्त स्थान पर पहुंचकर छापेमारी की तो भौंचक्का रह गई. वहां से पुलिस ने 20 कार्टन शराब जब्त किया. इसको लेकर वहां के स्थानीय पुलिस की तरफ से बताया गया कि सूचना सही निकली और जेडीयू विधायक अमन हजारी के चचेरे भाई के वाटर प्लांट पर की गई कार्रवाई सफल रही.
इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है और पुलिस लगातार इसके लिए कोशिश कर रही है जबकि शराब की खेप जब्त कर ली गई है. पुलिस अभी भी मामले की जांच में जुटी है और इसको लेकर पूछताछ भी की जा रही है.