'लौट कर आएगा मेरा कैप्टन...', शहीद जवान करमजीत सिंह की अंतिम यात्रा में उमड़ा हजारीबाग शहर
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'लौट कर आएगा मेरा कैप्टन...', शहीद जवान करमजीत सिंह की अंतिम यात्रा में उमड़ा हजारीबाग शहर

Martyr Captain Karamjit Singh: हजारीबाग आज गमगीन है और पूरा शहर वीर शहीद कमरजीत सिंह बक्शी को अंतिम विदाई दी. शायद ही शहर का ऐसा कोई चौक चौराहा हो जहां लोगों ने फूल का वर्षा नहीं किया हो. हर ओर एक ही नारा था जब तक सूरज चांद रहेगा कमलजीत सिंह बक्शी तेरा नाम रहेगा.

शहीद कैप्टन की अंतिम यात्रा में उमड़ा शहर

Hazaribagh News: जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में एलओसी पर आईईडी विस्फोट में शहीद हुए झारखंड के हजारीबाग निवासी आर्मी कैप्टन करमजीत सिंह की अंतिम यात्रा में गुरुवार को पूरा शहर उमड़ पड़ा. शहर के खीरगांव स्थित मुक्तिधाम में पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि कर दी गई. शहर के जुलू पार्क स्थित आवास से शहीद की अंतिम यात्रा में कैप्टन करमजीत अमर रहे और भारत माता की जय के नारे गूंज उठे. हजारों लोग तिरंगा और शहीद की तस्वीरें लेकर अंतिम यात्रा में शामिल हुए. हजारीबाग की उपायुक्त नैन्सी सहाय, पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार सिंह सहित सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौके पर मौजूद रहे.

शहर के जिन रास्तों से होकर शहीद की अंतिम यात्रा निकली, वहां सड़कों के दोनों किनारों और घरों की छतों पर मौजूद लोगों ने उनके आखिरी दर्शन किए और फूलों की बारिश की. अंतिम यात्रा में शामिल कई लोगों ने तिरंगे और शहीद की तस्वीरों वाली तख्तियां ले रखी थीं. उनके सम्मान में गुरुवार को शहर के गुरु गोविंद सिंह रोड की सभी दुकानें बंद रखी गई हैं.

मुक्तिधाम में शहीद कैप्टन को सशस्त्र सलामी देने के बाद जब सेना के अधिकारियों ने पार्थिव शरीर पर रखा तिरंगा उनकी मां नीलू बख्शी को सौंपा तो उन्होंने भर्राए स्वर से जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल का जयकारा लगाया. उनके पिता अजनिंदर सिंह ने आंखों से अविरल बहते आंसुओं के साथ उन्हें मुखाग्नि दी.

28 वर्षीय कैप्टन करमजीत सिंह शहर के मशहूर रेस्टोरेंट और टेंट हाउस के व्यवसायी अजनिंदर सिंह बख्शी और नीलू बख्शी के इकलौते पुत्र थे. उनकी शादी आगामी 5 अप्रैल को होने वाली थी. अपनी शादी की तैयारियों के सिलसिले में वह हाल में हजारीबाग आए थे और 10 दिन पहले वापस ड्यूटी पर लौटे थे. उनका रिश्ता आर्मी में काम करने वाली एक मेडिकल ऑफिसर के साथ तय हुआ था. उनकी मंगेतर गुरुवार सुबह उन्हें नमन करने पहुंचीं तो हर किसी की आंखें नम हो उठीं.

करमजीत सिंह मंगलवार को एलओसी पर सेना की जिस टुकड़ी को लेकर गश्त कर रहे थे, वह आतंकियों द्वारा बिछाई गई आईईडी की चपेट में आ गई. करमजीत सिंह और टुकड़ी में शामिल एक कांस्टेबल इस विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें सेना ने हॉस्पिटल में दाखिल कराया, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली. उनका पार्थिव शरीर बुधवार शाम रांची स्थित बिरसा मुंडा एयरपोर्ट लाया गया था, तब राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और झारखंड सरकार के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की.

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बाद में शहीद कैप्टन का शव रामगढ़ स्थित सेना के सिख रेजिमेंट ले जाया गया, जहां हजारों जवानों ने उनके अंतिम दर्शन किए. रेजिमेंट में गुरुवार सुबह सशस्त्र सलामी के बाद उनका शव हजारीबाग स्थित आवास लाया गया था.

इनपुट: आईएएनएस

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