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रांची: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात आज रांची में मीडिया से बात करते हुए मोदी सरकार को जमकर कोसा. संसदीय शब्दावली पर छिड़े सियासी संग्राम पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने संसद के लिए एक नई डिक्शनरी तैयार करवाई है. जिससे कुछ शब्दों को निकाल दिया है. जिसमें भ्रष्टाचार, जुमलागिरी ये हमारे पार्लियामेंट्री प्रीविलेज (संसदीय विशेषाधिकार) पर हमला है. ये पार्लियामेंट शॉर्ट सर्किट हो रहा है .
वहीं राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए द्वारा आदिवासी उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को उतारे जाने पर तंज कसते हुए वृंदा करात ने कहा कि मोदी जी कितने आदिवासी हितैषी हैं ये इससे समझें कि खुद मोदी अपने ट्राइबल अफेयर्स मिनिस्टर की राय को नहीं सुनते हैं. उन्हें चुप करवा दिया जाता है तो इससे ही अंदाज लगा लीजिये कि वह आदिवासियों के हितों को कितना ध्यान में रखते हैं.
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वहीं आगे मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए वृंदा करात ने कहा कि यह सरकार अपने काल में जनवादी पर हमला कर रही है. एक ओर मोहम्मद जुबेर को जेल में डाल दिया जाता है वहीं दूसरी ओर नूपुर शर्मा को सुरक्षा दी जा रही है. इसके अलावे जो भी सच्चाई की बात करता है उन्हें जेल में बंद किया जा रहा है.
वहीं उदयपुर और अमरावती में हुए बर्बर हत्या की निंदा करते हुए वृंदा करात ने कहा कि सरकार को नफरत वाली राजनीति बंद करनी चाहिए. वहीं संसद भवन के बाहर राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा की वो जो शेर हैं ना उसपर भी नफरत ही दिखाई देते हैं.