Sharad Pawar Seemanchal visit: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में एनसीपी शरद पवार गुट के सामने ऐसी स्थिति आ गई कि अजित पवार गुट के साथ सुलह की भी खबरें आ रही हैं. इस बीच शरद पवार बिहार में अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने के लिए सीमांचल का दौरा करने वाले हैं.
Trending Photos
Bihar Politics: ऐसा क्या है सीमांचल में कि यह सभी दलों को लुभाता रहा है. असदुद्दीन ओवैसी एक तरह से यहां अपनी पैठ बना चुके हैं और विधानसभा चुनाव 2020 में यह साबित हो चुका है. पिछले विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी ने यहां से अपने 5 प्रत्याशियों को जिताने में सफलता हासिल की थी और राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को यहां सबसे बड़ा झटका लगा था. हालांकि बाद में राजद ने ओवैसी के 4 विधायकों को अपने पाले में ले लिया था. कांग्रेस इस एरिया से अपने 2 प्रत्याशियों किशनगंज से डॉक्टर मोहम्मद जावेद और कटिहार से तारिक अनवर को लोकसभा भिजवा चुकी है. भाजपा की भी इस एरिया पर पैनी नजर रहती है और अमित शाह भी पिछले लोकसभा चुनाव से पहले यहां का दौरा कर चुके हैं. अब खबर आ रही है कि नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी शरद पवार गुट के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) खुद 27 फरवरी को सीमांचल का दौरा करने वाले हैं.
READ ALSO: 5 फरवरी को फिर से बिहार आ रहे हैं राहुल गांधी, जानिए क्या है इस दौरे की वजह?
जाहिर है, विधानसभा चुनाव आने वाले हैं तो बिहार में सभी दलों की कसरत तेज होती जा रही है. इसी कड़ी में नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी पवार गुट के नेता यहां के दौरे पर आ रहे हैं. शरद पवार सीमांचल के कटिहार का खासतौर से दौरा करेंगे, जहां से तारिक अनवर सांसद हैं. शरद पवार का दो दशक यानी पिछले 20 साल में यह पहला बिहार दौरा होगा. पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष राहत कादरी का कहना है कि संगठन को मजबूत करने के अलावा शरद पवार का पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलने का कार्यक्रम है. राहत कादरी ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी की नजर बिहार की 150 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की है.
लोकसभा चुनाव के समय भी सभी दलों ने सीमांचल में पूरी ताकत झोंकी थी. तेजस्वी यादव ने तो पप्पू यादव को हराने के लिए पूर्णिया में कैंप तक कर दिया था और अपील भी की थी कि चाहे भाजपा को वोट दे देना पर पप्पू यादव को वोट मत दे देना. फिर भी तेजस्वी यादव को सीमांचल से कुछ खास हासिल नहीं हो पाया. राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा किशनगंज के रास्ते बिहार में प्रवेश हुई थी, जो सीमांचल का महत्वपूर्ण इलाका है और यह एक तरह से कांग्रेस का गढ़ है. ऐसा इसलिए, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने बिहार की 40 में 39 सीटों पर जीत हासिल कर ली थी, लेकिन किशनगंज ने कांग्रेस की लाज बचा ली थी. तब राजद भी 0 पर आउट हो गया था.
READ ALSO: बिहार को ब्रिटेन बना देंगे CM नीतीश! इस साल 25,000 KM सड़कें बनेंगी, रूपरेखा तैयार
इसमें कोई दोराय नहीं कि पहले अमूमन किसी भी दल ने सीमांचल पर इतना फोकस नहीं किया था, लेकिन जब से असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल से 5 सीटें झटकी हैं, तब से राजनीतिक दलों की नजर में सीमांचल ने अपनी एक जगह बनाई है और अमूमन सभी दलों का फोकस उधर हुआ है. असदुद्दीन ओवैसी ने ग्राउंड लेवल पर काम किया और इस क्षेत्र से स्थानीय मुस्लिम चेहरा या नेता न होने का फायदा उठाते हुए लोगों के बीच अपनी पैठ बनाई.
आज असदुद्दीन ओवैसी का क्षेत्र में इतना प्रभाव है कि राजद जैसा दल भी ओवैसी फैक्टर से परेशान है, जिसको मुसलमानों का एकमुश्त वोट मिलता रहा है. 2020 में ओवैसी की पार्टी ने जिन पांच सीटों पर जीत हासिल की थी, उनमें दो किशनगंज लोकसभा क्षेत्र की बहादुरगंज और कोचाधामन के अलावा पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र की 3 विधानसभा सीटें शामिल थीं. इसमें कोई दोराय नहीं है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में भी सीमांचल में असदुद्दीन ओवैसी का फैक्टर काम करेगा और ओवैसी तो चाहेंगे कि कम से कम वो पांच सीटें जीत लें, जहां 2020 में एआईएमआईएम जीती थी.
READ ALSO: नीतीश कुमार की 'प्रगति यात्रा' के 5वें चरण का शेड्यूल जारी, जानें कब-कहां जाएंगे CM?
अब शरद पवार की नजर सीमांचल पर जा टिकी है. भले ही शरद पवार के अपने राज्य महाराष्ट्र में पार्टी का बुरा हाल हो चला है और वह संघर्ष करते दिख रहे हैं, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर शरद पवार लगता है पूरी तैयारी कर रहे हैं. शरद पवार की पार्टी की ओर से किए जा रहे दावे के अनुसार जल्द ही सीमांचल में पार्टी एक कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करने वाली है. प्रदेश अध्यक्ष राहत कादरी कहते हैं कि भले ही हम इंडिया ब्लॉक के साथ हैं, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव गठबंधन में रहकर लड़ना है या गठबंधन से बाहर रहकर लड़ना है, इसका फैसला पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ही करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी बिहार की 150 सीटों पर नजर बनाए हुए हैं और जो साथी हमसे बिछड़ गए हैं, उन्हें साथ लेने की कोशिश की जाएगी.