'जनसुराज' से गांव-गांव जुड़ रहे प्रशांत किशोर, बिहार की राजनीति में तैयार कर रहे जमीन
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'जनसुराज' से गांव-गांव जुड़ रहे प्रशांत किशोर, बिहार की राजनीति में तैयार कर रहे जमीन

पश्चिम चंपारण से शुरू हुई पदयात्रा शिवहर, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण होते हुए वैशाली जिले पहुंची है. प्रशांत अभी तक इस पदयात्रा में 2600 किलोमीटर से अधिक की यात्रा कर चुके हैं.

'जनसुराज' से गांव-गांव जुड़ रहे प्रशांत किशोर, बिहार की राजनीति में तैयार कर रहे जमीन

पटना: देश में चुनावी रणनीतिकार के रूप में चर्चित प्रशांत किशोर पिछले कई महीनों से पद यात्रा के जरिए बिहार के गांवों में पहुंच रहे हैं और लोगों से बात कर रहे हैं. माना जा रहा है कि वह राजनीति में अपनी जमीन तैयार करने में जुटे हैं. हालांकि उन्होंने अब तक चुनाव लड़ने को लेकर कोई घोषणा नहीं की है. प्रशांत पिछले साल दो अक्टूबर से जनसुराज पदयात्रा के जरिए बिहार के गांव-गांव पहुंच रहे हैं. इस दौरान सबसे गौर करने वाली बात है कि उनके निशाने पर न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा हैं बल्कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव सहित राजद का शासनकाल भी है.

पश्चिम चंपारण से शुरू हुई पदयात्रा शिवहर, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण होते हुए वैशाली जिले पहुंची है. प्रशांत अभी तक इस पदयात्रा में 2600 किलोमीटर से अधिक की यात्रा कर चुके हैं. प्रशांत की पदयात्रा अलग-अलग गांवों और प्रखंडों से गुजरती है जिसमें वे स्थानीय लोगों से बात करते हैं और उनकी समस्याओं को जानकर उनके समाधान को लेकर ब्लूप्रिंट तैयार करते हैं. प्रशांत किशोर इस यात्रा के जरिए लोगों को उनके वोटों की कीमत बता रहे हैं तो अब तक सत्ता में रही सरकारों की कमियों को गिनाकर भविष्य का सपना भी दिखा रहे हैं. प्रशांत किशोर कभी भी खुलकर चुनाव लड़ने की बात तो नहीं करते हैं लेकिन किसी के समर्थन मांगने पर समर्थन देने से इंकार भी नहीं करते है. पदयात्रा के क्रम में वे प्रतिदिन 15 किलोमीटर से लेकर 25 किलोमीटर तक यात्रा करते हैं.

2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में वे शामिल नहीं होंगे, लेकिन उनके समर्थित प्रत्याशी कुछ सीटों पर नजर आ सकते हैं. वैसे, कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि 2025 में होनेवाले विधानसभा चुनाव के लिए वे लोगों से संपर्क कर अपनी जमीन तैयार कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले हुए बिहार विधान परिषद की 5 सीटों पर हुए चुनाव में से एक सीट पर प्रशांत किशोर समर्थित उम्मीदवार अफाक अहमद ने जीत दर्ज की थी. पीके के जनसुराज अभियान की यह पहली राजनीतिक सफलता थी. इस जीत से जनसुराज अभियान में जुड़े लोग भी जहां उत्साहित हैं, वहीं इस अभियान से लोग जुड़ भी रहे हैं.

प्रशांत किशोर द्वारा शुरू किया गया जन सुराज अभियान मंगलवार को अपना पहला संकल्प दिवस मना रहा है. आज ही के दिन 2 मई 2022 को प्रशांत किशोर ने ट्वीट के माध्यम से जन सुराज अभियान के शुरूआत करने की घोषणा की थी. आज इसके 1 साल पूरे होने के अवसर पर जन सुराज के पटना स्थित कार्यालय में 6 सेवानिवृत प्रशासनिक अधिकारियों ने जन सुराज अभियान को अपना समर्थन देते हुए प्रशांत किशोर की इस मुहिम में शामिल हुए.  जन सुराज से जुड़े पूर्व आईपीएस राकेश कुमार मिश्रा ने सभी 6 अधिकारियों को शॉल और बुके देकर जनसुराज परिवार में औपचारिक तौर पर शामिल कराया.

राकेश कुमार मिश्रा कहते हैं कि मौजूदा विचारधारा से अलग सब को साथ लेकर जनता का सुंदर राज बनाने का संकल्प ही जनसुराज है. उन्होंने कहा कि जनसुराज का मतलब है कि 100 प्रतिशत जनसंख्या को साथ लेकर चलने के लिए जनता का सुंदर राज बनाने का संकल्प और साथ ही प्रजातांत्रिक मूल्यों की पुन: स्थापना की जाए.

इनपुट-आईएएनएस

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