Bihar Floor Test: स्पीकर की कुर्सी पर तो बैठ गए अवध बिहारी, क्या मतदान भी कराएंगे, तब तो हो गया खेला!
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Bihar Floor Test: स्पीकर की कुर्सी पर तो बैठ गए अवध बिहारी, क्या मतदान भी कराएंगे, तब तो हो गया खेला!

Bihar Politics: फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी पर भी सभी की निगाहे टिकी हुई हैं, क्योंकि सत्तापक्ष उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया था. हालांकि, इसके बाद भी अवध बिहारी आज स्पीकर की कुर्सी पर बैठे दिखाई दिए. 

अवध बिहारी चौधरी

Bihar Politics: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार को आज (सोमवार, 12 फरवरी) विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा. विधानसभा की कार्यवाही शुरू हो चुकी है. राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सरकार को फ्लोर टेस्ट पास करना होगा. फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी पर भी सभी की निगाहे टिकी हुई हैं, क्योंकि सत्तापक्ष उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया था. हालांकि, इसके बाद भी अवध बिहारी आज स्पीकर की कुर्सी पर बैठे दिखाई दिए. अवध बिहारी ने ही सदन की कार्यवाही शुरू की. 

सत्तापक्ष की लाख कोशिशों के बाद भी अवध बिहारी को स्पीकर की कुर्सी पर बैठने से नहीं रोका जा सका. अब राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सदन की कार्यवाही कौन संचालित करेगा, ये बड़ा सवाल है. इससे पहले जेडीयू से संबंध रखने वाले विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने कहा था कि स्पीकर के खिलाफ अविश्वास का प्रस्ताव मूव हुआ है. लिहाजा, वे सदन की अध्यक्षता नहीं कर सकते हैं. महेश्वर हजारी ने साफ कहा था कि फ्लोर टेस्ट के दौरान वह सदन को संचालित करेंगे. उन्होंने कहा था कि अगर किसी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आता है तो वह सदन की कार्यवाही का संचालन नहीं कर सकते. ऐसे में सदन की कार्यवाही का संचालन विधानसभा उपाध्यक्ष ही करते हैं.

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स्पीकर को हटाने का नियम क्या है?

विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के लिए सत्तापक्ष उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस सचिव को भेजता है. इस पर तुरंत विचार होने का प्रावधान नहीं है. इसके लिए 14 दिन का समय देने का कानून बना हुआ है. अगर स्पीकर खुद इस्तीफा नहीं देता तो विधानसभा के उपाध्यक्ष की नगरानी में वोटिंग कराई जाएगी. इससे पहले विजय कुमार सिन्हा के साथ भी इसी तरह की प्रक्रिया देखने को मिली थी. फ्लोर टेस्ट से पहले सत्तापक्ष में बीजेपी और जेडीयू के कई विधायक लापता बताए जा रहे हैं. वहीं आरजेडी के भी कुछ विधायकों गायब हैं. इससे राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है.

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