एलजेपी की सांसद वीणा देवी ने पशुपति और चिराग को पारिवारिक विवाद सुलझाने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश भी यही रहेगी कि चाचा और भतीजा एक साथ हो जाए.
Trending Photos
Bihar Politics: 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई है. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने चाचा पशुपति कुमार पारस की सीट (हाजीपुर) पर अपना दावा ठोक दिया है. चिराग का कहना है कि ये सीट उनके पिता की है, इसलिए इस सीट के लिए किसी को अड़ने की जरूरत नहीं है. वहीं चिराग के चाचा और लोजपा (पारस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस इस सीट को छोड़ने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि राम विलास पासवान जब राज्यसभा के लिए चुने गए थे, तब उन्होंने ही मुझे इस सीट के लिए अधिकृत किया था. हाजीपुर हमारी मां है और यह हमारा कर्म भूमि है हम अब नहीं रहेंगे.
चाचा-भतीजे की इस लड़ाई में अब एलजेपी की सांसद वीणा देवी की एंट्री हो गई है. उन्होंने पशुपति और चिराग को पारिवारिक विवाद सुलझाने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश भी यही रहेगी कि चाचा और भतीजा एक साथ हो जाए. उन्होंने कहा कि परिवार में अक्सर लड़ाई- झगड़ा होता रहता है. यह पारिवारिक मामला है. इस मामले का हल चाचा -भतीजा मिलकर निकालेंगे.
ये भी पढ़ें- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे सासाराम, सम्राट चौधरी के नेतृत्व पर कह दी बड़ी बात
बता दें कि वीणा देवी, वैशाली सीट से लोजपा की सांसद हैं. उन्होंने वैशाली से राजद के दिग्गज नेता रघुवंश प्रसाद सिंह को बड़े अंतर से हराया था. वह लोक जनशक्ति पार्टी की संसदीय अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने अपना राजनीतिक करियर बीजेपी के साथ शुरू किया था. बीजेपी ने उन्हें 2010 के विधानसभा चुनाव में गयाघाट सीट से टिकट दिया था. वे 2010 से 2015 तक गायघाट के विधायक रह चुकी हैं. बिहार विधान परिषद में उन्होंने लगातार चार बार जीत दर्ज की है. अब उनके बयान से ऐसा लगता है कि लोजपा नेता भी अब चाचा-भतीजे की लड़ाई को खत्म करना चाहते हैं. यदि ऐसा नहीं हुआ तो 2024 में दोनों को काफी नुकसान हो सकता है.
ये भी पढ़ें- Lok Sabha Elections 2024: बिहार में नीतीश को टक्कर देंगी मायावती, दलित वोट पर किसका हक?
हालांकि, चाचा-भतीजे में सुलह कराना बड़ा मुश्किल काम है. क्योंकि रामविलास पासवान के निधन के बाद पशुपति पारस ने ना सिर्फ पार्टी तोड़ दी थी, बल्कि चिराग को अपना भतीजा मानने से इनकार भी कर चुके हैं. अब हाजीपुर सीट को लेकर दोनों आमने-सामने हैं. हाजीपुर सीट को लेकर पशुपति पारस ने कहा कि मुझे इस विषय पर कोई भी कमेंट नहीं करना है. बस हाजीपुर की जनता ने मुझे पहली बार के लोकसभा चुनाव में जीत दिलवाया और उनके ही आशीर्वाद से मंत्री बना हूं, आगे भी उनका आशीर्वाद मेरे साथ रहेगा.