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Ranchi: जैन धर्मावलंबियों के गिरिडीह स्थित पवित्र तीर्थस्थल 'सम्मेद शिखरजी' को केंद्र सरकार ने बड़ा फैस्ला किया है. केंद्र सरकार ने इसे पर्यटन क्षेत्र की सूची से निकालने का फैसला किया है. जिसके बाद झारखंड सरकार ने बड़ा दावा किया है.
झारखंड सरकार ने किया ये दावा
इसको लेकर झारखंड सरकार ने दावा किया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अनुरोध के बाद केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है. मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में आज शाम दावा किया गया कि 'श्री सम्मेद शिखरजी' को पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र घोषित किये जाने के निर्णय को बदलने के लिए मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा था.
प्रेस रिलीज में कहा गया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा सम्मेद शिखरजी को लेकर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखा गया थाय जिस पर मंत्रालय ने संज्ञान लेते हुए पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र संबंधी अधिसूचना के खंड-3 के प्रावधानों के क्रियान्वयन पर तत्काल रोक लगा दी है, जिसमें सभी पर्यटन गतिविधियां शामिल हैं. विज्ञप्ति में बताया गया है कि मुख्यमंत्री सोरेन ने पत्र लिखकर जैन अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए वन मंत्रालय की 2019 में जारी अधिसूचना के संदर्भ में उचित निर्णय लेने का आग्रह किया था. मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को इस संबंध में लिखे पत्र की प्रति आज ट्वीट कर साझा की.
इसके अलावा केंद्र सरकार ने जैनियों के धार्मिक स्थल 'सम्मेद शिखरजी' से संबंधित पारसनाथ पहाड़ी पर सभी प्रकार की पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगाने का फैसला किया है. इसके अलवा झारखंड सरकार को इसकी शुचिता अक्षुण्ण रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का निर्देश भी दिया गया है.