रेड करने खूंटी पहुंची रांची पुलिस के सामने आए ग्रामीण, डेढ़ घंटे तक बनाया बंधक
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रेड करने खूंटी पहुंची रांची पुलिस के सामने आए ग्रामीण, डेढ़ घंटे तक बनाया बंधक

  Jharkhand Crime: खूंटी थाना क्षेत्र अंतर्गत डुमरदगा गांव के ग्रामीणों ने देर शाम तक छापामारी करने आई रांची के नामकोम पुलिस को बंधक बना लिया था. फिर ग्रामीणों ने एकजुटता और घेराबंदी से न केवल दम्पति को छुड़ाया बल्कि उसके मोबाइल को भी पुलिस से ले लिया.

(पुलिस को ग्रामीणों ने बनाया बंधक)

खूंटी:  Jharkhand Crime: खूंटी थाना क्षेत्र अंतर्गत डुमरदगा गांव के ग्रामीणों ने देर शाम तक छापामारी करने आई रांची के नामकोम पुलिस को बंधक बना लिया था. फिर ग्रामीणों ने एकजुटता और घेराबंदी से न केवल दम्पति को छुड़ाया बल्कि उसके मोबाइल को भी पुलिस से ले लिया. वहीं मौके पर कर्रा थाना व खूंटी पुलिस के पहल पर बंधक बने रांची पुलिस की छापेमारी टीम को मुक्त किया जा सका. 

वहीं तोरपा थाना के खूंटी जिले के रोडो में पुलिस को बंधक बनाए जाने की घटना के बाद एक बार फिर से ग्रामीणों ने पुलिस टीम को डुमरदगा गांव में बंधक बना लिया. दरअसल शुक्रवार शाम करीब 5-6 बजे रांची जिले के नामकोम थाना के पुलिस टीम किसी मामले को लेकर छापेमारी करने खूंटी जिले के खूंटी थाना क्षेत्र अंतर्गत डुमरदगा पहुंची थी. जिस टीम में कई पुलिस कर्मी सिविल ड्रेस में थे और डुमरदागा गांव पहुंचकर एक घर में घुसकर कार्रवाई करते हुए उसके घर जाकर एक महिला से मोबाइल फोन छीन लिया. जिस बात से गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस टीम को घेर लिया और फिर यह सिलसिला करीब एक घंटे तक चला. 

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वहीं इस मामले को लेकर ग्राम प्रधान फगुआ मुंडा ने बताया की पुलिस टीम बिना किसी सूचना के गांव पहुंची थी और जबरन एक घर में घुसकर महिला से मोबाइल छीना और दुर्व्यवहार किया. जिस बात की सूचना मिलते हीं ग्रामीण इकठ्ठा होने लगे. वही ग्रामीणों को इकठ्ठा होते देख पुलिस टीम वहां से भागने लगी, भागने के क्रम में एक दो पुलिस कर्मी गाड़ी में नहीं बैठ पाए और तभी ग्रामीणों ने पुलिस टीम को चारों ओर से घेर लिया और गांव में आने का कारण पूछा, लेकिन पुलिस टीम द्वारा कोई भी संतोष जनक जवाब नहीं दिया गया. जिस बात से ग्रामीण और उग्र हो गए.
ग्राम प्रधान फगुआ मुंडा ने आगे बताया की इतना कुछ होने के बाद ग्रामीणों ने पुलिस टीम को ग्राम सभा स्थल पर जाने को कहा. जहां बैठकर बातचीत कर सकेंगे, लेकिन पुलिस टीम ने वहां जाने से मना कर दिया. वहीं इस घटना की जानकारी खूंटी पुलिस को मिली और जानकारी मिलते ही खूंटी थाना के पुलिस बल एवं कर्रा थाना की पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंची. जहां काफी समझाने बुझाने के बाद ग्रामीण शांत हुए और फिर ग्राम सभा के नियमानुसार ग्राम सभा बैठक पुस्तिका खाता में पुलिस टीम को गांव में आने का कारण लिखाकर व हस्ताक्षर कराकर नामकोम थाना के पुलिस टीम को बंधक से मुक्त कराया गया. 

इसके साथ हीं यह भी बता दें की कुछ महीने पहले ही खूंटी जिले के तोरपा थाना क्षेत्र के रोड़ो गांव में भी पुलिस टीम को बंधक बनाए जाने की घटना सामने आई थी, जहां की तोरपा पुलिस एक अपराधी की गिरफ्तारी के लिये छापेमारी करने पहुंची थी. जहां ग्रामीणों ने तोरपा थाना के पुलिस टीम को रातभर बंधक बनाए रखा था. 

अब फिर से कुछ ही महीने के भीतर यह घटना एक बार फिर से दोहराया गया, जहां डूमरदगा गांव में ग्रामीणों ने पुलिस टीम को बंधक बनाया. हालांकि इस मामले को लेकर खूंटी पुलिस अधीक्षक अमन कुमार ने बताया कि गलतफहमी के चलते कुछ इस प्रकार का मामला उत्पन्न हो गया था. ग्रामीणों के साथ आपस में बैठकर बातचीत किया गया और मामले को शांत कराया गया. 
कन्हैया मुण्डा ने बताया कि गांव के ग्राम प्रधान को बिना सूचना दिए हुए ही रांची के नामकोम पुलिस गांव की महिला का मोबाइल लेकर उसे ले जाना चाहती थी. जो कि गांव वालों को पता चलने पर उनसे कारण पुछा गया तो स्पष्ट जवाब नहीं दिया. हम सभी यहां बैठक करके सभी निर्णय लेते हैं.

दशा मुण्डा ने कहा कि हमलोगों ने उन सभी को ग्रामीण के साथ बैठक करने कहा पर, बात वहीं पर हुई लेकिन गांव के नियम के अनुसार जो भी निर्णय या मामला होता है ग्रामसभा की बैठक के पंजी या पुस्तिका में हस्ताक्षर करने के बाद मामला लिखा जाता है और उनके साथ भी वही हुआ. छापेमारी करने आई पुलिस टीम द्वारा हस्ताक्षर और उद्देश्य लिखाकर मामले का अंत किया गया. 

(रिपोर्ट - ब्रजेश कुमार)

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