27 रेजिमेंट्स, 14 लाख सैनिक, 4 युद्ध...कितनी पावरफुल है इंडियन आर्मी? जोश देखकर ही खौफजदा हो जाते हैं दुश्मन
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27 रेजिमेंट्स, 14 लाख सैनिक, 4 युद्ध...कितनी पावरफुल है इंडियन आर्मी? जोश देखकर ही खौफजदा हो जाते हैं दुश्मन

77th Indian Army Day: भारतीय सेना 15 जनवरी को अपना 77वां फाउंडेशन डे मना रही है. इस खास मौके पर मुख्य कार्यक्रम पुणे में आयोजित किया जाएगा.  इस साल रक्षा मंत्रालय ने इसे ‘सुधारों का साल’ घोषित किया है. आइए जानते हैं इस मौके पर भारतीय सेना से जुड़ी कुछ खास बातें...

 

27 रेजिमेंट्स, 14 लाख सैनिक, 4 युद्ध...कितनी पावरफुल है इंडियन आर्मी? जोश देखकर ही खौफजदा हो जाते हैं दुश्मन

Indian Army Day 2025: दुनियाभर में सबसे शक्तिशाली सेना में से एक भारतीय थल सेना 15 जनवरी 2025 को अपना 77वां सेना दिवस मनाने की तैयारी में जुटी हुई है. इस बार मुख्य प्रोग्राम माहाराष्ट्र के पुणे में आयोजित होगा. इस दौरान भारतीय सेना की तरफ से कई तरह के करतब दिखाए जाएंगे, जिसमें भारतीय सेना की बहादुरी की भी झलकियां दिखेंगी. पिछले एक दशक में भारती सेना ने साइंस और टेक्नोलॉजी में महत्वपूर्ण प्रगति की है, खासतौर पर भारतीय थल सेना ने, जिसकी झलक इस बार दुश्मनों को सेना दिवस पर देखने को मिलेगी. आज हम इस खास मौके पर इस लेख में भारतीय सेना द्वारा देश में दिए गए योगदान, तारीखी इतिहास के महत्त्व के बारे में बताएंगे.

आपको बता दें, भारतीय सेना ने साल 2023 को  प्रौद्योगिकी अवशोषण (Technology Absorption) का साल घोषित किया था, लेकिन इस साल यानी 2025 में रक्षा मंत्रालय ने इसे ‘सुधारों का साल’ घोषित किया है, जो (2023-2032) के बदलाव का हिस्सा है. इसका मकसद भारत की रक्षा क्षमताओं (Defense Capabilities) को फिर से डिफाइन करना है.

14 लाख सैनिकों को स्पेशल ट्रेनिंग

इसके लिए भारतीय थल सेना 27 रेजिमेंट्स और 14 लाख सैनिकों को कई तरह की ट्रेनिंग और नए आर्म्स के साथ खुद को वक्त के साथ अपडेट कर रही है. यही कारण है कि दुश्मन देश भारतीय सेना से खौफ खाते हैं.हाल के दिनों में जारी मिडिल ईस्ट और पूर्वी यूरोप के देशों में जंग का स्ट्रक्चर काफी बदला हुआ नजर आया है.  भारतीय सेना ने भी भविष्य में आने वाली चुनौतियों से निपटने और हाल के ग्लोबल कनफ्लिक्ट्स, स्वदेशी युद्धक्षेत्र समाधानों की जरूरत पर जोर देते हुए, न सिर्फ अत्याधुनिक तकनीक को अपनाने, बल्कि डेवलेप करने भी जोर दिया है.

तारीख और भारतीय सेना दिवस का इतिहास 

15 जनवरी 1949 में  जनरल के.एम. करियप्पा ने पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभाली थी, जो भारतीय सेना के लिए एक खास मौका था. यह पहला मौका था कि भारतीय सेना की कमान भारतीय नेतृत्व के अधीन थी, और यह परिवर्तन अपने आप में भारत के सैन्य इतिहास के समय में एक मील का पत्थर साबित हुआ. तब से 15 जनवरी से हर साल भारतीय सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है.

पूरे भारत में अलग-अलग प्रोग्राम
भारतीय सेना इस खास मौके पर आयोजित कार्यक्रम में परेड के दौरान अपनी आधुनिक मशीनरी, सैन्य अभ्यास के साथ-साथ सांस्कृतिक नृत्य और वीरता पुरस्कार भी आयोजित करते हैं. इसके अलावा, शहीदों के बलिदानों को पूरे देश में अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से सम्मानित किया जाता है. इस कार्यक्रम का मकसद नागरिकों और सेना को एक विशेष तरीके से एकजुट करने की कोशिश भी है.

भारतीय सेना का साल 2025 के लिए टारगेट
भारतीय सेना के साल 2015 में कई टारगेट हैं , जिसमें सबसे अहम बेहतर टेक्नोलॉजी साझेदारी को तेजी से आगे बढ़ाने के अलावा  शिक्षा जगत, स्टार्टअप और इंडस्ट्रीज के साथ सहयोग का विस्तार करना है. साथ ही सेना खरीद प्रक्रियाओं और ऑपरेशन को बढ़ाने के लिए रक्षा मंत्रालय की सुधार प्रोजेक्ट्स के साथ इनोवेशन कर रही है, जिसे दूसरे रक्षा बलों और अर्धसैनिक संगठनों तक पहुंचाया जा रहा है. खासतौ पर भारतीय वायु सेना (IAF) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने इलेक्ट्रिसिटी डिफेंस में इनोवेशन को लेकर दिलचस्पी दिखाई है.

भारतीय सेना की कुछ खास बातें
बताते चलें कि भारतीय सेना में इन्फ़ैंट्री रेजिमेंट की तादाद कुल 27 है. इन्फ़ैंट्री रेजिमेंट का इस्तेमाल पैदल युद्ध यानी जमीनी लड़ाई के लिए किया जाता है.भारतीय सेना को कुल 40 डिवीज़न और 14 कोर में बांटा गया है, जिसमें भारतीय सेना के कुल 14 लाख से ज़्यादा सक्रिय जवान हैं, जो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना भी है.

भारतीय सेना की स्थापना 1 अप्रैल, 1895 में हुई थी. भारतीय सेना ने अब तक चार जंग लड़ी हैं, जिनमें साल 1948, 1965, 1971, और करगिल में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ और 1962 में चीन के ख़िलाफ़ लड़ाई शामिल हैं.

 

 

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