Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का काम सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करना है.
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Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का काम सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करना है. लेकिन वे एक 'सेंसर' की तरह काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सदन में 'मार्शल लॉ' जैसा माहौल बनाया जा रहा है.
विधानसभा अध्यक्ष पर लगाए गंभीर आरोप
महबूबा मुफ्ती ने रविवार को एक पोस्ट के जरिए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का काम विधायकों के अधिकारों की रक्षा करना है ना कि उनकी आवाज दबाना. उन्होंने कहा कि राथर साहब को विधायी कार्यवाही की पवित्रता की चिंता है. लेकिन उनकी प्राथमिक भूमिका सदस्यों के अधिकारों को सुरक्षित रखना है न कि उन्हें नियंत्रित करना.
पारदर्शिता पर जोर
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि विधायी गतिविधियों को लेकर पारदर्शिता बनाए रखना और जनता को फैसलों के बारे में पहले से सूचित करना लोकतंत्र के लिए जरूरी है. उन्होंने कहा कि नोटिस, प्रश्नों और प्रस्तावों की जानकारी जनता तक पहुंचनी चाहिए ताकि जवाबदेही बनी रहे. हाल ही में वक्फ विधेयक जैसे कई अहम मामलों पर जनता के बीच लंबी चर्चा हुई थी.
5 अगस्त 2019 के फैसलों पर कसा तंज
महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर में नए बनाए जा रहे नियमों को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे कानून बना रही है, जो 5 अगस्त 2019 को केंद्र द्वारा लिए गए असंवैधानिक फैसलों को वैध ठहराते हैं. उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से अपील की कि वे ऐसे विधेयकों का समर्थन न करें. गौरतलब है कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था.
शराबबंदी के लिए चला रही हैं अभियान
महबूबा मुफ्ती केवल राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित नहीं रहीं बल्कि उन्होंने पुलवामा में एक सामाजिक अभियान में भी हिस्सा लिया. उन्होंने दक्षिण कश्मीर में शराबबंदी की मांग को लेकर चल रहे हस्ताक्षर अभियान का समर्थन किया. यह अभियान उनकी बेटी और पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने शनिवार को शुरू किया था.
क्या कहती है सरकार?
विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने इससे पहले कहा था कि सदन की कार्यवाही से जुड़े किसी भी नोटिस को प्रचारित करने को गंभीरता से लिया जाएगा और विधायकों को विशेषाधिकार हनन से बचना चाहिए. हालांकि, सरकार की ओर से महबूबा मुफ्ती के आरोपों पर अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)