कोर्ट ने महिला को 'डाइवोर्सी' कहने पर लगाई रोक, कहा-फिर तो पुरुष को भी कहिए 'डाइवोर्सर'
Advertisement
trendingNow12648058

कोर्ट ने महिला को 'डाइवोर्सी' कहने पर लगाई रोक, कहा-फिर तो पुरुष को भी कहिए 'डाइवोर्सर'

 हाल ही में जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए महिला को 'डाइवोर्सी' कहने पर रोक लगा दी है. साथ ही कहा है कि किसी महिला को 'तलाकशुदा' यानी 'डाइवोर्सी' कहना बेहद दुखद है. इस हिसाब से तो फिर पुरुष को भी 'डाइवोर्सर' कहना चाहिए.

कोर्ट ने महिला को 'डाइवोर्सी' कहने पर लगाई रोक, कहा-फिर तो पुरुष को भी कहिए 'डाइवोर्सर'

Jammu and Kashmir High Court on Divorce: जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में तलाकशुदा महिलाओं को अदालतों में 'डाइवोर्सी' कहने पर रोक लगा दी है. जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने गुरुवार को वैवाहिक विवाद में तीन साल पहले दाखिल याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए अदालती सुनवाई में तलाकशुदा महिलाओं को 'डाइवर्सी' कहकर संबोधित करने को 'बुरी प्रथा' करार देते हुए कहा,'आज भी किसी महिला को इस तरह से पुकारना दर्दनाक है.'

'पुरुष को भी डाइवोर्सर कहना चाहिए'

हाई कोर्ट के जज विनोद चटर्जी कोल ने कहा कि किसी महिला को सिर्फ तलाकशुदा होने की बुनियाद पर ‘डाइवोर्सी’ कहकर पहचान देना एक गलत और तकलीफदेह आदत है. उन्होंने कहा कि अगर महिलाओं के लिए 'डाइवोर्सी' लिखा जा सकता है तो पुरुषों के लिए भी 'डाइवोर्सर' (तलाक देने वाला) लिखा जाना चाहिए, जो कि समाज में स्वीकार्य नहीं है. 

फैसले की मुख्य बातें

  • अब किसी भी तलाकशुदा महिला को अदालत के दस्तावेजों में सिर्फ उसके नाम से पहचाना जाएगा.

  • अगर किसी याचिका या अपील में महिला को ‘डाइवोर्सी’ कहकर संबोधित किया गया तो वह याचिका खारिज कर दी जाएगी.

  • अदालत ने आदेश जारी कर सभी निचली अदालतों को इस फैसले का पालन करने के निर्देश दिए हैं.

  • अदालत ने अदालत ने फैसले की समीक्षा के लिए याचिका दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता पर 20000 रुपये का जुर्माना भी लगाया.

अदालत के फैसले पर क्या बोले लोग?

महिलाएं अदालत के फैसला का स्वागत कर रही हैं. वकील, नेता और आम महिलाओं का कहना है कि अदालत ने काबिले तारीफ फैसला सुनाया है. एक महिला ने इस फैसले की तारीफ करते हुए कहा,'मुझे खुद को तलाकशुदा कहे जाने की आदत हो गई थी,  लेकिन अब एहसास होता है कि यह मेरी असली पहचान नहीं होनी चाहिए. मेरी बेटी बड़ी हो रही है और मैं नहीं चाहती कि उसे लगे कि उसकी मां की पहचान सिर्फ तलाक से जुड़ी है.'

सुप्रीम कोर्ट भी दे चुका है निर्देश

अगस्त 2023 में तत्कालीन चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एक 'हैंडबुक' जारी की थी, जिसमें विभिन्न मामलों में महिलाओं के लिए इस्तेमाल की जाने वाली उपाधियों से बचने को कहा गया. इस हैंडबुक में कहा गया है कि 'अपराधी, चाहे वह पुरुष हो या महिला, केवल मनुष्य है, इसलिए हम महिलाओं के लिए व्यभिचारी, वेश्या, बदचलन, धोखेबाज, आवारा जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकते. दर्जनों अन्य शीर्षक भी थे, जिनकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट ने जिक्र किया था. 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news