Delhi: डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एलजी Anil Baijal को भेजा पत्र, सुप्रीम कोर्ट के फैसले की दिलाई याद
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Delhi: डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एलजी Anil Baijal को भेजा पत्र, सुप्रीम कोर्ट के फैसले की दिलाई याद

दिल्ली (Delhi) में केजरीवाल और LG अनिल बैजल (Anil Baijal) के बीच एक बार फिर अधिकारों की लड़ाई शुरू हो गई है. सरकार ने एलजी को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की याद दिलाई है. 

दिल्ली के एलजी अनिल बैजल (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली (Delhi) में केजरीवाल और LG अनिल बैजल (Anil Baijal) के बीच एक बार फिर अधिकारों को लेकर तकरार बढ़ गई है. केजरीवाल सरकार ने कैबिनेट बैठक कर दो प्रस्ताव पास किए और LG दफ्तर पर सरकार के कामों में अड़ंगा लगाने का आरोप लगाया.

  1. डिप्टी सीएम ने LG को लिखा पत्र
  2. LG ने सरकारी वकीलों का पैनल किया था खारिज
  3. केजरीवाल कैबिनेट ने पास किए ये दो प्रस्ताव

डिप्टी सीएम ने LG को लिखा पत्र

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने LG अनिल बैजल को पत्र लिखकर कहा कि दिल्ली (Delhi) सरकार से संबंधित विषयों पर अफसरों को बुलाकर बैठक करना और उन्हें खास कामों को करने के लिए निर्देश जारी करना गलत है. डिप्टी सीएम ने कहा कि चुनी हुई सरकार के विषयों पर LG दफ्तर कोई फैसला नहीं ले सकता.

सिसोदिया (Manish Sisodia) ने सुप्रीम कोर्ट के 2018 के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि उपराज्यपाल को जमीन, पुलिस और पब्लिक ऑर्डर के अलावा किसी भी विषय पर फैसला लेने का अधिकार नहीं है. डिप्टी सीएम ने LG अनिल बैजल (Anil Baijal) के बारे में कहा कि वे आज उपराज्यपाल के पद पर हैं लेकिन कल नहीं रहेंगे. जबकि  लोकतंत्र आज भी है और आगे भी रहेगा. इसलिए वे लोकतंत्र के हिसाब से फैसले लें. 

LG ने सरकारी वकीलों का पैनल किया था खारिज

बताते चलें कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने किसान आंदोलन से संबंधित मुकदमों की सुनवाई के लिए केजरीवाल सरकार के वकीलों का पैनल खारिज कर दिया था. इस पर नाराजगी जताते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने शनिवार दोपहर कैबिनेट बैठक बुलाई. इस बैठक में उपराज्यपाल के व्यवहार की आलोचना की गई. साथ ही दो बड़े फैसले लिए गए. 

बैठक के दौरान केजरीवाल कैबिनेट ने किसान आंदोलन में अभियोजन के लिए LG के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. सरकार ने कहा कि इस मामले में पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ दिल्ली सरकार के वकील ही सरकार की ओर से केस लड़ेंगे. सरकार ने इस मामले में दिल्ली पुलिस के वकीलों के पैनल को मंजूरी देने से साफ इनकार कर दिया. 

केजरीवाल कैबिनेट ने पास किए ये दो प्रस्ताव

सीएम केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि देश के किसान का साथ देना हर भारतीय का फ़र्ज़ है. उन्होंने कहा कि हमने कोई अहसान नहीं किया बल्कि देश के किसानों के प्रति अपना फ़र्ज़ निभाया है. उन्होंने कहा कि किसान अपराधी नहीं है और न ही वे आतंकवादी हैं. वे हमारे अन्नदाता हैं.

केजरीवाल सरकार ने दूसरा बड़ा फैसला दिल्ली में पिछले साल हुए दंगों पर लिया. केजरीवाल कैबिनेट ने दिल्ली दंगों के मामले में केंद्र के वकीलों को अनुमति देने से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार चाहती है कि सरकारी वकीलों का मौजूदा पैनल किसानों और दिल्ली दंगों के मामलों में सरकार का पक्ष प्रस्तुत करे. 

ये भी पढ़ें- Farmers Protest: केंद्र और CM Kejriwal में नई जंग, LG ने खारिज किया Delhi सरकार के वकीलों का पैनल

LG के रुख पर टिकी सरकार की निगाहें

सरकार ने कहा कि जांच एजेंसी और अभियोजक सेवा के बीच भेद बनाए रखना जरूरी है. लिहाजा दिल्ली पुलिस के वकीलों को किसानों के खिलाफ मुकदमा लड़ने की इजाजत नहीं दे सकते. डिप्टी सीएम सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल कैबिनेट के इन दोनों फैसलों को अब मंजूरी के लिए LG ऑफिस भेजा जाएगा. अगर वे इन प्रस्तावों को ठुकरा देते हैं तो यह विवाद और गहरा हो जाएगा. 

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