मुगलकाल की सबसे ताकतवर महिला! दिल्ली में नाम सुनकर थर-थर कांपते थे लोग
Advertisement
trendingNow11671319

मुगलकाल की सबसे ताकतवर महिला! दिल्ली में नाम सुनकर थर-थर कांपते थे लोग

Mughal history: इस ताकतवर महिला की दिल्ली की सल्तनत में तूती बोलती थी. उसे दो-दो मुगल बादशाहों का साथ मिला. एक ने उसे बेगम जैसा दर्जा दिया था तो दूसरे ने बेगम ही बना लिया था. 

मुगलकाल की सबसे ताकतवर महिला! दिल्ली में नाम सुनकर थर-थर कांपते थे लोग

Lal Kunwar: बादशाह कोई भी रहा हो, उसका कुछ न कुछ विवादित इतिहास रहा है. बाहशाह, मुगल हरम (Mughal Harem) और वहां की अय्याशियों के किस्से आज भी मजे से चटखारे लेकर सुने जाते हैं. मुगलल काल में चंद महिलाएं ही ऐसी रह हैं, जिनकी तूती बोलती थ. उस दौर की ऐसी ही एक पावरफुल महिला थी लाल कुंवर. जिसने अपने आंगन को ही पावरसेंटर बना लिया था. एक मुगल बादशाह उसपर वो ऐसा लट्टू हुआ बर्बाद ही हो गया. इस महिला का नाम था लाल कुंवर, उस दौर का बादशाह उसके पल्लू में बंधा रहता था.

दरबार में बोलती थी तूती

औरंगजेब ने गद्दी हथियाने के लिए सगे भाई को मरवा दिया. पिता को कैद में डाल दिया. दुनियावी बातों से दूर रहता था लेकिन वो उस महिला पर ऐसा फिदा हुआ जिसकी खूबसूरती और नृत्य ने जिसका मन मोह लिया था. लाल कुंवर एक तवायफ थी जो मुजरा करके बादशाहों का दिल बहलाती थी. कहा जाता है कि औरंगजेब उस पर ऐसा लट्टू हुआ कि मुगल दरबार में उसका रुतबा और दखल दोनों बढ़ने लगा. उसे शाही सम्मान दिया जाने लगा. उसकी गिनती औरंगजेब के करीबी वफादारों में होने लगी.

हैसियत देख जलती थी रानियां

लाल कुंवर का रुतबा बेगमों को भी नहीं पसंद था. क्योंकि जब भी वो कहीं जाती तो बाकायदा खास सैनिकों की एक टुकड़ी उसके आगे-पीछे चलती थी. वो हाथी पर चलती थी. नगाड़े बजाकर उसके आने की जानकारी दी जाती थी. यहां तक कि रास्ता भी खाली करा लिया जाता था मानो खुद बादशाह सलामत गुजर रहे हों.

फैसला बदलवा देती थी लाल कुंवर

लाल कुंवर का बढ़ता रसूख खुद औरंगजेब की सगी बहन-बेटियों को रास नहीं आ रहा था. क्योंकि वो दरबाद के काम में सलाह देने लगी थी. औरंगजेब का जो आदेश उसे पसंद नहीं आता था उसे वब फौरन बदलवा देती थी. दिल्ली के लाल बंगला इलाके में उसके लिए बाकायदा महल बनवाया गया था. बाद में वहीं उसका मकबरा बना दिया गया.

औरगंजेब से प्यार पोते से शादी

औरंगजेब के बाद उसके बेटों आजम शाह और बहादुर शाह के पास बहुत कम वक्त के  लिए सत्ता रही. आगे बहादुर शाह का बेटा जहांदार शाह बादशाह बना. जहांदार ने अय्याशी के मामले में अपनी पुरखों को भी पीछे छोड़ दिया और एक बार उसकी नजर लाल कुंवर पर पड़ी तो वो फौरन उसे दिल दे बैठा. उसने पहली नजर का प्यार हुआ तो उसने उसे अपनी गोद में उठा लिया. दोनों का आकर्षण मोहब्बत में तब्दील हो गया था. दोनों की लव स्टोरी प्यार इस कदर आगे बढी कि उसने लाल कुंवर से निकाह किया और उसे इम्तियाज महल नाम दे दिया.

कोठरी में कटी जिंदगी, गुमनामी में हुई मौत

शाह ने न सिर्फ लाल कुंवर को बेगम बनाया, बल्कि भोग विलास और सत्‍ता का हर सुख दिया.  लाल कुंवर और जहांदार, दोनों शौकीन थे. जो हमेशा शराब के नशे में डूबे रहते थे. आगे मुगलों की हालत और पतली हुई तो जहांदार शाह और लाल कुंवर के बुरे दिन आ गए थे. सत्ता-सिंहासन छिन गया था. शाह की हत्‍या के बाद लाल कुंवर को एक कोठरी में बाकी जिंदगी काटनी पड़ी. लाल कुंवर का इतिहास एक ऐसी महिला की कहानी है जिसने एक मुगल बादशाह को कंगला बना दिया.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news