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Which variant is more likely to Cause Long Covid: भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण एक बार फिर बढ़ने लगा है और देश में पिछले कई दिनों से रोजाना 12 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं. देश में रिकवरी रेट 98 प्रतिशत से ज्यादा है, लेकिन कोविड-19 से ठीक होने के बावजूद लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसे लॉन्ग कोविड (Long Covid) के रूप में जाना जाता है.
किस कोरोना वेरिएंट से लॉन्ग कोविड का खतरा ज्यादा?
किंग्स कॉलेज लंदन में हुई स्टडी में पता चला है कि डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) की तुलना में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) से लॉन्ग कोविड (Long Covid) का खतरा होने की संभावना कम है. अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉक्टर क्लेयर स्टीव्स ने कहा, 'ओमिक्रॉन वेरिएंट से पिछले वेरिएंट की तुलना में लॉन्ग कोविड की काफी कम संभावना है.'
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क्या हैं लॉन्ग कोविड के लक्षण?
लॉन्ग कोविड (Long Covid) के लक्षणों में थकान, सांस लेने में तकलीफ, एकाग्रता में कमी, सिरदर्द और जोड़ों का दर्द शामिल है. किंग्स कॉलेज लंदन के रिसर्चर्स के अनुसार, ब्रेन फोग, सुन्नता व झुनझुनी, लॉन्ग कोविड में आंत की समस्याएं, अनिद्रा, चक्कर आना, कानों का बजना और धुंधली दृष्टि सहित कई अन्य लक्षण भी दिख सकते हैं.
कोरोना से ठीक होने के 15 महीने बाद तक दिख रहे लक्षण
लॉन्ग कोविड (Long Covid) पर किए गए शोध के अनुसार, कोरोना वायरस (Coronavirus) से ठीक होने के बाद मरीजों में कुछ लक्षण 15 महीनों तक बने रह सकते हैं. नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स द्वारा की गई स्टडी में पता चला है कि लॉन्ग कोविड के सबसे लंबे चलने वाले लक्षणों में न्यूरोलॉजिकल लक्षण आम हैं.
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85 प्रतिशत लोगों में दिखे लॉन्ग कोविड के लक्षण
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी की स्टडी में शामिल कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में से 85 प्रतिशत में लॉन्ग कोविड के लक्षण सामने आए. संक्रमित होने के कई महीने बाद तक मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है.