MP के दामाद ने केजरीवाल को हराया, सास MLA, ससुर रह चुके केंद्रीय मंत्री
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MP के दामाद ने केजरीवाल को हराया, सास MLA, ससुर रह चुके केंद्रीय मंत्री

Delhi Election Result: मध्य प्रदेश के धार जिले में जश्न कुछ खास तरीके से मनाया जा रहा है. इसकी वजह यह है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा धार जिले के दामाद हैं.

MP के दामाद ने केजरीवाल को हराया, सास MLA, ससुर रह चुके केंद्रीय मंत्री

Delhi Election 2025: दिल्ली चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को आ गए हैं. दिल्ली में भाजपा ने 27 साल बाद वापसी कर ली है. भाजपा कार्यकर्ता पूरे देश में दिल्ली की जीत का जश्न मना रहे हैं. हालांकि, मध्य प्रदेश के धार जिले में जश्न कुछ खास तरीके से मनाया जा रहा है. इसकी वजह यह है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा धार जिले के दामाद हैं. यही वजह है कि यहां के कार्यकर्ताओं में खुशी का अलग ही माहौल है. 

बता दें कि प्रवेश वर्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विक्रम वर्मा दामाद हैं. उनकी सास नीना वर्मा धार की विधायक हैं. दिल्ली चुनाव के दौरान विक्रम वर्मा और नीना वर्मा के अलावा धार के कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी दिल्ली चुनाव में दामाद के लिए चुनाव प्रचार किया था. शनिवार को नतीजे वाले दिन बदनावर में दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत पर जश्न का माहौल रहा. केजरीवाल को हराने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह दोगुना हो गया.

सीएम पद के दावेदार प्रवेश वर्मा
भाजपा के प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट से मात दी है. अब प्रवेश वर्मा को मुख्यमंत्री के पद के लिए सबसे बड़ा दावेदार भी माना जा रहा है. चुनाव नतीजे आने के तुरंत बाद प्रवेश वर्मा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने पहुंचे. इसके बाद से ही प्रवेश वर्मा को सीएम के लिए दावेदार माना जा रहा है. 

नई दिल्ली सीट का इतिहास
दिलचस्प बात यह है कि अब ट्रेंड रह है को नई दिल्ली सीट से चुनाव जीतता है वह ही मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जाता है. केजरीवाल 2013, 2015 और 2020 में इसी सीट से ही जीतने के बाद मुख्यमंत्री बने थे. केजरीवाल ने 2013 में शीला दीक्षित को हराया था. पहले यह नई दिल्ली सीट गोल मार्केट विधानसभा क्षेत्र में आती थी, लेकिन 2008 में परिसीमन के बाद नाम नई दिल्ली कर दिया गया.

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