Dabra Chunav Result: इमरती देवी लगातार दूसरी बार चुनाव हारीं, सुरेश राजे 2267 वोटों से जीते
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Dabra Chunav Result: इमरती देवी लगातार दूसरी बार चुनाव हारीं, सुरेश राजे 2267 वोटों से जीते

Dabra vidhan sabha Chunav Result 2023: ग्वालियर जिले की डबरा विधानसभा सीट पर पूर्व मंत्री इमरती देवी चुनाव हार गई हैं. उन्हें कांग्रेस के सुरेश राजे ने 2267 वोटों से हराया. इमरती देवी लगातार दूसरी बार चुनाव हारी हैं. सिंधिया समर्थक इमरती देवी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वॉइन की थी. 

Dabra Chunav Result: इमरती देवी लगातार दूसरी बार चुनाव हारीं, सुरेश राजे 2267 वोटों से जीते

Dabra vidhan sabha Chunav Result 2023: ग्वालियर जिले की डबरा विधानसभा सीट पर पूर्व मंत्री इमरती देवी चुनाव हार गई हैं. उन्हें कांग्रेस के सुरेश राजे ने 2267 वोटों से हराया. इमरती देवी लगातार दूसरी बार चुनाव हारी हैं. सिंधिया समर्थक इमरती देवी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वॉइन की थी. बताया जाता है कि सुरेश राजे और इमरती देवी दोनों रिश्तेदार हैं. 

सुरेश राजे 2020 में हुए उपचुनाव में जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. वे उस समय भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे, जब इमरती देवी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आईं थीं. उपचुनाव में राजे में इमरती देवी को ही हराया था. 

दांव पर थी सिंधिया की साख
सिंधिया समर्थक नेता इमरती देवी डबरा विधानसभा सीट से लगातार तीन विधानसभा जीती थीं. उन्होंने 2008, 2013 और 2018 में जीत दर्ज की थी. इसके इमरती देवी कांग्रेस में महिला बाल विकास मंत्री रह चुकी हैं. इमरती देवी 2019 के दलबदल में सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई थीं. आखिर वे कुछ समय भाजपा सरकार में मंत्री भी रहीं, लेकिन उपचुनाव हार गईं. भाजपा ने एक बार फिर से इमरती देवी पर दांव लगाया था.  

इतिहास और जातिगत समीकरण
डबरा विधानसभा सीट पर 2008 से कांग्रेस का कब्जा है. 2020 की हार को छोड़ दिया जाए तो इमरती देवी ने कांग्रेस के टिकट पर 2018, 2013 और 2008 में जीत दर्ज की थी. इससे पहले यह सीट भाजपा के पास था. यहां से भाजपा के कद्दावर नेता और मध्य प्रदेश सरकार में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा 2003 और 1998 में चुनाव जीत चुके हैं. परिसीमन में यह सीट आरक्षित हो गई और यह सीट अनुसूचित जाति के कोटे में चली गई. जातिगत आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्रामीण क्षेत्र वाली सीट पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के साथ-साथ ब्राह्मण, साहू, कुशवाह, बघेल, रावत, वैश्य, मुस्लिम, गुर्जर और किरार समाज निर्णायक स्थिति में हैं.

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