Maharashtra Politics News: इस साल उद्धव ठाकरे सरकार का तख्तापलट कर महाराष्ट्र का सीएम बनने वाले एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) अभी तक ठाकरे परिवार के प्रति लगातार नरमी बरत रहे थे. लेकिन अब लगता है कि वे आदित्य ठाकरे के प्रति अपनी इस रणनीति में बदलाव कर रहे हैं.
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CM Eknath Shinde statement on Aditya Thackeray: इस साल उद्धव ठाकरे सरकार का तख्तापलट कर महाराष्ट्र का सीएम बनने वाले एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) अभी तक ठाकरे परिवार के प्रति लगातार नरमी बरत रहे थे. लेकिन अब लगता है कि वे आदित्य ठाकरे के प्रति अपनी इस रणनीति में बदलाव कर रहे हैं. शिंदे ने हाल में शिवसेना के बागी नेताओं की आलोचना करने के लिए आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) पर निशाना साधा है.
विद्रोही नेताओं पर लगातार आक्रामक हैं आदित्य ठाकरे
असल में महाराष्ट्र में अपने पिता की महा विकास आघाड़ी (MVA) सरकार गिरने के बाद आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) लगातार विद्रोही नेताओं पर करारे हमले करते आए हैं. वे पिछली सरकार के खिलाफ बगावत करने वालों को 'धोखेबाज' और 'पीठ में छुरा घोंपने' वाला कहते रहे हैं. इतना कुछ होने के बावजूद एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) अभी तक आदित्य ठाकरे और उनके पिता उद्धव ठाकरे के खिलाफ तीखी टिप्पणी करने से हमेशा बचते नजर आए थे. हालांकि मंगलवार को यह अघोषित रणनीति बदलती दिखी.
आदित्य ठाकरे को अपनी उम्र के हिसाब से बोलना चाहिए
एक मराठी न्यूज चैनल से बात करते हुए सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने आदित्य ठाकरे पर करारा निशाना साधा. शिंदे से जब बागी विधायकों को आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) की ओर से ‘धोखेबाज’ कहे जाने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, 'उन्हें अपनी उम्र मालूम होनी चाहिए और उन्हें उसी के अनुसार बोलना चाहिए. आज हम जो कुछ भी हैं, वह स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे और उनके विचारों की वजह से हैं. लेकिन वह (आदित्य) और अन्य लोग सत्ता के लिए बालासाहेब के विचारों से दूर हो गए है, जिसने हमें (विद्रोह करने का) यह कड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर किया.'
BMC का चुनाव जीतने की रणनीति
बताते चलें कि एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाला शिवसेना गुट और बीजेपी मिलकर अब मुंबई महानगर पालिका (BMC) का चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं. BMC देश का सबसे बड़ा नगर निकाय है, जिसका सालाना बजट उत्तर पूर्व के कई राज्यों के सालाना बजट से भी ज्यादा बड़ा है. इस निगम पर पिछले कई वर्षों से लगातार शिवसेना का कब्जा बना हुआ है, जिसे अब बीजेपी तोड़ना चाहती है. इसके लिए बीजेपी लगातार शहर में अपने संगठन को मजबूत कर रही है.
(एजेंसी भाषा)
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