Noida Ghaziabad face water shortage: नोएडा और गाजियाबाद के कई इलाकों में 12 अक्टूबर की रात से ही पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. गंगाजल सप्लाई बाधित होने की वजह से चलते लाखों लोगों तक पानी नहीं पहुंच पाया और उन्हें को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. अब उनके लिए खुशखबरी है. जानें कब आ रहा गंगाजल का पानी.
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Ganga water supply: नोएडा और गाजियाबाद के कई इलाकों में सोमवार से जल संकट खत्म होने की उम्मीद है. गंग नहर में सफाई का काम होने के बाद रविवार रात से उसमें पानी छोड़ा जाएगा. गंगाजल आने पर पहले की तरह पानी की आपूर्ति सामान्य हो जाएगी. अभी सुबह-शाम तीन घंटे ही पानी आ रहा है. आम दिनों में छह घंटे तक पानी आता है. दशहरे के दिन से गंग नहर की सफाई के चलते गंगाजल की सप्लाई शहर में बंद है. गंगाजल बंद होने के बाद से ही शहर में पानी का संकट बना हुआ है. लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलने से दिक्कत हो रही है. सुबह-शाम दो-तीन घंटे ही पानी मिल पा रहा है. इस दौरान पानी का प्रेशर भी कम बना हुआ है.
सोमवार से शहर की सप्लाई होगी चालू
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि रविवार तक गाजियाबाद के प्लांट तक गंगाजल आने का अनुमान है. ऐसे में उस दिन शाम या सोमवार से शहर में गंगाजल की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी. अधिकारियों ने बताया कि नोएडा में 450 मिलियन लीटर प्रतिदिन-एमएलडी-पानी की मांग है. इसमें 240 एमएलडी गंगाजल, 110 एमएलडी नलकूप और 100 एमएलडी रेनीवेल के जरिए पूरा किया जाता है. तीन सप्ताह से गंगाजल वाले 240 एमएलडी की पानी की सप्लाई पूरी तरह से बंद है. ऐसे में 210 एमएलडी के जरिए पानी की सप्लाई शहर में की जा रही है, जिसकी वजह से पानी का संकट बना हुआ है.
12 अक्टूबर की रात से ही गंगाजल सप्लाई बाधित
गौरतलब है कि 12 अक्टूबर की रात से ही गंगाजल सप्लाई बाधित हो गई थी. इसके चलते लाखों लोगों तक पानी नहीं पहुंच पाया और उन्हें को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. करीब 21 दिन तक इसमें सफाई कार्य हुआ. फिर ये नहर 2 नवंबर को चालू होगी. गाजियाबाद के प्रताप विहार में गंगाजल प्लांट लगा हुआ है. यहां से 100 क्यूसेक पानी नोएडा और 50 क्यूसेक पानी गाजियाबाद के विभिन्न हिस्सों को सप्लाई किया जाता है. नहर बंद रहने के दौरान इस पानी की सप्लाई नहीं होगी. नहर सफाई हर साल की एक रूटीन प्रक्रिया है. इसमें नहर से जुड़ी सभी मशीनों, रेगुलेटरों को साफ किया जाता है, ताकि पानी का प्रवाह बना रहे. इनपुट आईएएनएस से