न्यायाधीश ने प्रकरण के एक आरोपी को साक्ष्य के अभाव में बरी करने के आदेश दिए हैं. अपर लोक अभियोजक डायमंडसिंह ने बताया कि मामला 18 अप्रैल 2016 में बिजयनगर थाने का है.
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Beawar: एडीजे प्रथम न्यायाधीश बुलाकी दास व्यास ने सोमवार को एनडीपीएस एक्ट के 6 साल पुराने प्रकरण का निस्तारण करते हुए मामले के तीन आरोपियों में से दो को 10-10 साल के कारावास तथा एक-एक लाख रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है.
न्यायाधीश ने प्रकरण के एक आरोपी को साक्ष्य के अभाव में बरी करने के आदेश दिए हैं. अपर लोक अभियोजक डायमंडसिंह ने बताया कि मामला 18 अप्रैल 2016 में बिजयनगर थाने का है. सिंह ने बताया कि 18 अप्रैल 2016 को बिजयनगर थाने के तात्कालीन कानसिंह को जरिए मुखबिर सूचना मिली थी कि शहर के ब्यावर रोड पर एक टैंपों के माध्यम से अवैध रूप से डोडा पोस्त का परिवहन किया जा रहा है. जानकारी पर पुलिस ने ब्यावर रोड पर नाकाबंदी कर वहां से गुजर रहे एक टैंपों को रूकवाकर तलाशी ली तो टैंपों में रखी 9 बोरियों में 212 किलो अवैध डोडा-पोस्त मिला जिसे पुलिस ने बरामद किया.
इस दौरान पुलिस ने सूरतगढ़ गंगानगर निवासी अनिल पुत्र गंगाजल विश्नोई, रमेश पुत्र भोजराज निवासी जोधपुर तथा चित्तौडगढ़ निवासी नंदकिशोर पुत्र शिवलाल को गिरफ्तार कर उनके किलाफ मामला दर्ज किया. पुलिस ने प्रकरण का अनुसंधान कर तीनों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया. करीब 6 साल तक चले प्रकरण में 63 दस्तावेज तथा 13 गवाह पेश किए गए.
सोमवार को प्रकरण का निस्तारण करते हुए न्यायाधीश व्यास ने एनिल पुत्र गंगाजल तथा रमेश पुत्र भोजराज को 10-10 वर्ष के कारावास तथा एक-एक लाख रूपए के अर्थदंड की सजा से दंडित किया. न्यायालय ने प्रकरण के तीसरे आरोपी नंदकिशोर पुत्र शिवलाल को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. आरोपी नंदकिशोर की पैरवी एडवोकेट सूर्यकांत चौधरी कर रहे थे.
Reporter-Dilip Chouhan
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